राजस्थान में मचे सियासी घमासान में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की भी एंट्री हो गयी है. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से चर्चा के बाद कमलनाथ दिल्ली पहुंच गये हैं. नाथ को राजस्थान का संकट सुलझाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी उनसे चर्चा किये जाने के कयास लगाये जा रहे हैं. कमलनाथ के राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही सचिन पायलट के साथ भी अच्छे संबंध बताये जाते हैं. राजस्थान के 18 विधायकों को लेकर जब पायलट हरियाणा के होटल में आ गये थे, तब भी कमलनाथ ने मध्यस्थता की थी. नाथ की मध्यस्थता के बाद उस समय राजस्थान में आया संकट टल गया था.
जयपुर भी जा सकते हैं कमलनाथ
कांग्रेस में वरिष्ठ होने के साथ ही नाथ, सोनिया गांधी के विश्वस्त माने जाते हैं. ये भी उन्हें बुलाये जाने का बड़ा कारण माना जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ को जयपुर भी भेजा जा सकता है. नाथ को इससे पहले महाराष्ट्र में सियासी संकट आने पर मुंबई भेजा गया था. मुंबई में नाथ कांग्रेस के विधायकों की बैठक कर आये थे.
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भाजपा ने कसा तंज, कांग्रेस ने किया बचाव
राजस्थान में चल रहे सियासी संकट को लेकर नाथ को बुलाये जाने पर भाजपा तंज कस रही है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि कांग्रेस डूबता जहाज है. कमलनाथ जिनके कारण एमपी में कांग्रेस की सरकार ही 15 माह में चली गयी थी वे क्या अन्य राज्यों के संकट सुलझायेंगे. कांग्रेस मीडिया कमेटी के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि नाथ के अनुभव को देखते हुये हाईकमान ने उन्हें बुलाया है. गुप्ता ने कहा कि नाथ राजस्थान के कांग्रेस नेताओं के बीच रास्ता निकाल देंगे.
HIGHLIGHTS
- राजस्थान के रण में उतरे कमलनाथ
- दोनों पक्षों को साधने की करेंगे कोशिश
- एक बार दोनों पक्षों के बीच कर चुके हैं मध्यस्थता