राजस्थान में विधायकों की बिना बैठक किए कांग्रेस पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली लौट आए हैं. वो 2 बजे की इंडिगो की फ्लाइट से वापस आ गए. जिस तरह का घटनाक्रम और सियासी ड्रामा देखने को मिला, उससे कांग्रेस आलाकमान नाराज काफी नाराज बताए जा रहे हैं. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि घटना पर कांग्रेस आलाकमान सख्त रुख अपना लिया है. इसके साथ ही पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से लिखित में जवाब मांगा है . अजय माकन ने कहा कि अधिकारिक बैठक बुलाकर अलग अनाधिकारिक बैठक करना और बैठक में शामिल न होना अनुशासनहीनता है.
कांग्रेस पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों दिल्ली लौट आए हैं. अजय माकन ने कहा कि यह बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कहने पर बुलाई गई थी. लेकिन अधिकारिक बैठक में शामिल न होना और मंत्री शांति धारीवाल के घर 60 विधायकों का बैठक करना यह पार्टी की अनुशासनहीनता है. उन्होंने कहा कि विधायकों ने 3 शर्त रखी थी. पहला यह कि अगले मुख्यमंत्री का चुनाव 19 अक्टूबर के बाद हो. दूसरा नया नेता उन विधायकों से बने, जिसने संकट में सरकार बचाई थी. तिसरा नया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सहमति से बने.
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बाद में जब इस बारे में अशोक गहलोत से बात की गई तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि यह मेरे बस में नहीं है. विधायकों के वन टू वन बातचीत पर अशोक गहलोत नहीं मान रहे हैं. उधर 60 विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया है. अब इस संकट को संभालने के लिए केरल कांग्रेस के वरिष्ट नेता केसी वेणुगोपाल को बुलाया है, क्योंकि पिछली बार राजस्थान संकट का हल उन्होंने ही निकाला था. वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी इस संकट से उबारने दिल्ली बुलाया गया है. गौरतलब है कि कमलनाथ अशोक गहलोत के पुराने मित्र हैं.
Source : News Nation Bureau