कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने शुक्रवार को राजस्थान के सियासी हलचल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे विधायक राजभवन में बैठे हुए हैं, लेकिन राज्यपाल की ओर से कोई फैसला नहीं आया है. कभी अचंभे की बात है कि जब भी सरकार विधानसभा सत्र की मांग करे तो इसमें राज्यपाल को देरी नहीं करनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का निर्णय भी है. ये राज्यपाल का कर्तव्य भी है. राज्यपाल को सत्र बुलाने में देरी नहीं करनी चाहिए.
कपिल ने सिब्बल ने बिना नाम लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में लोकतंत्र की परिभाषा बदल गई है. आज लोकतंत्र की परिभाषा में राज्यपाल सरकारों की सलाह नहीं लेंगे, कहीं और से सलाह लेंगे.
उन्होंने आगे कहा, 'इस देश में चुनी गई सरकार को भी गिराने में राज्यपाल मदद भी करेंगे. जिस दल की बहुमत है उसके विधायकों को चार्टर्ड प्लेटों से बाहर ले जाएंगे और होटल में ठहराएंगे. इसके बाद पैसे का लोभ देकर बहुमत वाली सरकार को अपल्पमत बना दिया जाता है. नई परिभाषा में चुनी हुई सरकार को गिराना.'
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कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार को गिराकर अपने लोगों को सीएम बना देना. महाराष्ट्र में तड़के 5 बजे सीएम की शपथ दिला दी गई थी. मध्य प्रदेश में भी विधायकों को कर्नाटक में ठहाराकर सरकार गिरा दी गई. कोरोना काल में सरकार गिरा दी है. गोवा में भी सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस की थी, लेकिन शपथ किसी और को दिला दी गई है. मणिपुर और उत्तराखंड में भी ऐसा ही हुआ था. लोकतंत्र की नई परिभाषा में विधायकों को चार्टर्ड प्लेन को ले जाया जाता है.
Source : News Nation Bureau