राजस्थान फोन टेपिंग मामले में एक नया मोड़ सामने आ गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने फोन टेपिंग मामले में राज्य के प्रमुख सचिव से रिपोर्ट तलब की है. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में गृह मंत्रालय ने राजस्थान के प्रमुख सचिव से रिपोर्ट मांगी है. इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्राइवेसी का हनन बताया था.
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इससे पहले राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो क्लिप वायरल (Audio Clip) के मामले में आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से मना कर दिया. अब इस मामले में कोर्ट माध्यम से अपना फैसला सुनाया जाएगा. कांग्रेस से बर्खास्त किए गए सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने के बाद राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो क्लिप वायरल हुए हैं.
अशोक सिंह और भरत मलानी को इस मामले में आरोपी बनाया गया है. हालांकि, अदालत के आदेश के बाद भी आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया है. इसके बाद अब इस मामले में कोर्ट फैसला सुनाएगी. एसओजी ने एडीजे कोर्ट में अशोक सिंह की बातचीत का टेप पेश किया. कोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए उसे जेल भेज दिया.
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वहीं, वायरल ऑडियो मामले में राजस्थान की एसओजी टीम ने संजय जैन को कोर्ट में पेश किया, जहां उसे 4 दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया गया. इन ऑडियो क्लिप में संजय जैन नाम के शख्स की आवाज होने का दावा किया गया है. आपको बता दें कि जिस टेप को लेकर कांग्रेस-भाजपा का पर्दाफाश करने का दावा कर रही थी, भाजपा ने उस पर सवाल खड़े किए थे.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि सबकी प्राइवेसी का राजस्थान सरकार हनन कर रही है. राज्य में जब लोग कोरोना काल में वेंटिलेटर के लिए तरस रहे हैं तो कांग्रेस विधायक स्विमिंग पूल में स्विमिंग कर रहे हैं. उन्होंने मीडिया से कहा कि बताएं आखिर संजय जैन कौन है? टेप में शामिल संजय जैन कौन शख्स है? मैं इस पर क्यों जवाब दूं, क्योंकि हम इसे मैन्युफैक्चर्ड झूठ मानते हैं.