भारत विश्व में सबसे ज्यादा शांति सेना संयुक्त राष्ट्र संघ के पीसकीपिंग मिशन के लिए भेजता है. जहां अलग-अलग देशों के साथ मिलकर शांति स्थापित करने का कार्य किया जाता है. इस कड़ी में पहली बार राजस्थान के बीकानेर में भारत और ऑस्ट्रेलिया के जवानों ने यूएन मिशन में काम करने के लिए युद्धाभ्यास किया. इस अभ्यास में भारत और ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 60-60 स्पेशल कमांडो ने हिस्सा लिया, भारत की तरफ से डोगरा रेजीमेंट की ब्रिगेड के जवानों ने इस युद्धाभ्यास में भाग लिया. इस स्तर का युद्ध अभ्यास पहली बार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच में किया जा रहा है, हालांकि दोनों ही देश क्वार्ड समूह के सदस्य हैं.
दोनों जापान और अमेरिका के साथ मिलकर मालाबार सागर युद्धाभ्यास करते हैं. यह युद्धाभ्यास रेगिस्तान के भौगोलिक क्षेत्र में किया जा रहा है जो 11 दिसंबर तक चलेगा. इससे दोनों देश उत्तरी अफ़्रीका के सहारा क्षेत्र में यूएन शांति सेना में मिलकर काम कर सकते हैं, सहारा क्षेत्र के कई देशों में आंतरिक संघर्ष के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना भेजी जाती है.
इस युद्धाभ्यास में आभासी रूप से एक ऐसे गांव को दिखाया हुआ है, जहां पर अलगाववादियों-आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया है और कुछ सामान्य नागरिकों को भी बंधक बना लिया है. गांव से कुछ दूरी पर एक क्षेत्र को स्नाइपर और आर्मर वहीकल के जरिए सुरक्षित करके मेकशिफ्ट हेलीपैड बनाया गया है. एक लाइट कॉम्बैट मल्टीरोल स्वदेशी हेलीकॉप्टर ध्रुव गोलीबारी के बीच लैंड करने में कामयाब रहा, जिससे स्पेशल कमांडो ऑपरेशन के लिए बाहर निकले, जबकि दूसरा हेलीकॉप्टर 30 फुट हवा में ही मंडराता रहा, जिसमें रस्सी के सहारे कमांडो को ड्रॉप किया गया.
गांव को आतंकियों से मुक्त कराने के लिए 60 भारतीय रणबांकुरे और 60 ही ऑस्ट्रेलिया के स्पेशल कमांडो साथ में ऑपरेशन में धावा बोलते हैं. जिसमें स्टेग फॉर्मेशन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके तहत एक छोटी कंपनी चारों तरफ गोलाबारी के बीच नजर रखते हुए, स्नाईपर दस्ते के कवर फायर की मदद से गांव में प्रवेश करती है.
Source : Rahul Dabas