राजस्थान सरकार के विवादि अध्यादेश पर जारी घमासान के बीच राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
आपराधिक कानून (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश 2017, सितंबर में लागू किया गया था। उच्च न्यायालय ने सरकार को जवाब देने के लिए एक महीने का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
अदालत ने अपने आदेश में अध्यादेश के खिलाफ दायर सभी सात याचिकाएं और जनहित याचिकाओं को भी शामिल किया, जिसमें प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता सचिन पायलट द्वारा दायर याचिका भी शामिल है।
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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को तमाम आलोचनाओं को दककिनार कर राजस्थान विधानसभा में यह विधेयक पेश किया था।
गौरतलब है कि मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से बचाने तथा मीडिया को ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग से रोकने वाले राजस्थान सरकार के अध्यादेश को लेकर वसुंधरा राजे विपक्ष के निशाने पर है।
राजस्थान सरकार ने इस अध्यादेश को अब समीक्षा के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया है।
इस अध्यादेश के मुताबिक मंजूरी लिए बिना किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ कुछ भी प्रकाशित करने के मामले में पत्रकारों को दो साल तक की सजा सुनाई जा सकती है।
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HIGHLIGHTS
- राजस्थान सरकार के विवादि अध्यादेश पर जारी घमासान के बीच राजस्थान हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है
- उच्च न्यायालय ने सरकार को जवाब देने के लिए एक महीने का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी
Source : News Nation Bureau