राजभवन और राज्यपाल के पद के दुरुपयोग को लेकर एक बार फिर से देश में राजनीति गरमाने लगी है. तमिलनाडु की डीएमके सरकार हो या तेलंगाना की टीआरएस सरकार या पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार या केरल की लेफ्ट सरकार या फिर दिल्ली और पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार, ये सभी राजनीतिक दल केंद्र की भाजपा सरकार पर राजभवन के दुरुपयोग का आरोप जोर-शोर से लगा रहे हैं.
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार गिराने को लेकर राज्य के राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाए थे. सबसे लंबे समय तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस भी राजभवन के दुरुपयोग का आरोप भाजपा सरकार पर लगाती रहती है.
इन आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त करने के लिए राज्यपालों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया है.
भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस को भारत तोड़ने वाली राजनीतिक पार्टी बताते हुए आरोप लगाया कि 1988 में एमजी रामचंद्रन की पत्नी जानकी रामचंद्रन सरकार को विधान सभा में बहुमत साबित करने के बावजूद बर्खास्त कर दिया गया, 1989 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस आर बोम्मई को बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल का दुरुपयोग किया गया.
भाजपा ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि सत्ता में नहीं होने के बावजूद राजीव गांधी ने 1991 में कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बनने वाले चंद्रशेखर पर दवाब डाल कर राज्यपाल की सहमति के बिना ही तमिलनाडु की करुणानिधि सरकार को बर्खास्त करवा दिया.
आपको याद दिला दें कि, भाजपा पिछले कई दशकों से लगातार कांग्रेस पर विपक्षी दलों द्वारा शासित सरकारों को गलत और असंवैधानिक तरीके से बर्खास्त करने का आरोप लगाते हुए राजनीतिक हमला बोलती रही है.
Source : IANS