सभी निगाहें नए मंत्रिमंडल के गठन की ओर लगी हुई हैं कि किसे कौन मंत्रालय मिलेगा और इसी के साथ नौकरशाहों की नियुक्ति में भी बड़े कदम उठाए जाने की उम्मीद है. एक नए कैबिनेट सचिव का आना तय है क्योंकि मौजूदा कैबिनेट सचिव पी. के. सिन्हा का विस्तारित कार्यकाल जून के मध्य में समाप्त हो रहा है. सिन्हा को पिछले साल जून में एक साल का दूसरा विस्तार मिला था. इस तरह उन्होंने अपने पूर्ववर्ती अजीत सेठ की ही तरह चार साल की सेवा की.
इसी के साथ एक नए रक्षा सचिव को 30 मई तक नियुक्त किया जाना है. इनमें से कुछ फैसले 30 मई को शाम सात बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण से पहले ही लिए जाने हैं. भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठान इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ को भी नए बॉस की जरूरत है. मौजूदा प्रमुखों के विस्तारित कार्यकाल 29 मई और 30 मई को समाप्त हो रहे हैं. रक्षा सचिव के पद के लिए कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं जैसे रक्षा उत्पादन सचिव अजय कुमार, बैंकिंग सचिव राजीव कुमार, पर्यावरण सचिव सी.के. मिश्रा और ऊर्जा सचिव अजय भल्ला. नौकरशाही के प्रमुख पदों में से रक्षा सचिव चार बड़े पदों में से एक है जिसमें दो साल का कार्यकाल मिलता है.
कैबिनेट सचिव के पद के लिए अभी केवल एक ही नाम की चर्चा है और वह हैं गृह सचिव राजीव गौबा, 1982 झारखंड कैडर अधिकारी. कैबिनेट सचिवालय के कामकाज से परिचित होने के लिए वह आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी के रूप में पहली जून को पदभार संभाल सकते हैं. पिछले सप्ताह नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला को मिश्रा की अनुपस्थिति के दौरान 17 से 28 मई तक पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. लेकिन, ये अस्थायी या तदर्थ नियुक्तियां होती हैं जो किसी अन्य शीर्ष स्तर के सचिव के छुट्टी लेने पर या बीमार होने पर होती हैं.
Source : IANS