रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए सोमवार को सशस्त्र बलों, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की. राजनाथ ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा स्थापित कोविड अस्पतालों की स्थिति, सैन्य अस्पतालों में अतिरिक्त बेड के निर्माण, प्रेशर स्विंग एडसोप्र्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट्स की भी समीक्षा की. रक्षा मंत्री ने अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की स्थिति पर चर्चा की.
सिंह ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश में मौजूदा कोविड-19 स्थिति से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए रक्षा मंत्रालय, तीन सेवाओं, डीआरडीओ और अन्य रक्षा संगठनों के प्रयासों की समीक्षा की. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक में संकट के समय तीनों बलों और रक्षा मंत्रालय के अधीन अन्य संस्थाओं की ओर से उठाए गए विशिष्ट कदमों के बारे में राजनाथ सिंह को अवगत कराया गया.
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डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने बताया कि दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, अहमदाबाद और पटना में स्थापित अस्पताल काम कर रहे हैं और कोविड रोगियों के इलाज में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. रक्षा मंत्रालय ने कहा, इसी तरह की सुविधाएं उत्तराखंड के ऋषिकेश और हल्द्वानी और जम्मू और श्रीनगर में संबंधित स्थानीय/राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के अनुरोध पर स्थापित की जा रही हैं.
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डीआरडीओ ने पांच पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना पूरी कर ली है, जिनमें से चार दिल्ली में और एक हरियाणा में है. इस महीने के अंत तक ऐसे 150-175 और संयंत्र स्थापित करने का काम प्रगति पर है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने नागरिक प्रशासन को सहायता देने में तीनों सेवाओं के बीच उत्कृष्ट समन्वय की सराहना की. यह समर्थन चाहे रसद (लॉजिस्टिक) के तौर हो या अतिरिक्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के निर्माण में दिया गया सहयोग, हो हर प्रकार से सेना द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहा गया.
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उन्होंने कहा कि सेना ने स्थानीय नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए दूरदराज के इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित की हैं. थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आश्वासन दिया कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सेना के प्रयासों में कोई कमी नहीं है. उन्होंने सिंह को जानकारी दी कि चिन्हित स्थानों पर सैन्य अस्पतालों ने नागरिक कोविड रोगियों के इलाज के लिए बिस्तर अलग रखे हैं. नई दिल्ली के बेस अस्पताल में भी क्षमता बढ़ाई जा रही है. इन अस्पतालों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे और ऑक्सीजन की आपूर्ति को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन संयंत्र, सिलेंडर और सांद्रक खरीदे जा रहे हैं.
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने सिंह को विदेश से मेडिकल ऑक्सीजन कंटेनर और अन्य स्वास्थ्य उपकरणों के परिवहन में भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा प्रदान की जा रही रसद सहायता के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कोविड रोगियों के इलाज के लिए भारतीय नौसेना द्वारा विभिन्न स्थानों पर बनाई गई विशेष स्वास्थ्य सुविधाओं का भी उल्लेख किया. इसके अलावा इस दौरान वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ऑक्सीजन कंटेनरों और अन्य स्वास्थ्य उपकरणों के परिवहन के लिए विभिन्न मिशनों में देश और विदेश में 990 उड़ानें पूरी की हैं.
रक्षा सचिव अजय कुमार ने तीनों सेनाओं द्वारा प्रदान की गई सहायता की सराहना की और कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी को पूरा करने के लिए विभिन्न उपायों के माध्यम से लगभग 800 डॉक्टरों को जुटाया गया है. इसके साथ ही सिंह ने कोविड रोगियों के इलाज के लिए 2-डीजी दवा विकसित करने में डीआरडीओ के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 मामले कम हो रहे हैं लेकिन सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने रक्षा मंत्रालय की तीनों सेवाओं और अन्य संगठनों को कोविड-19 चुनौतियों के बावजूद अपना नियमित काम जारी रखने का निर्देश दिया. दूसरी कोविड-19 लहर के खिलाफ लड़ाई में रक्षा मंत्रालय और अन्य रक्षा संगठनों द्वारा दी गई सहायता पर 20 अप्रैल, 2021 के बाद से सिंह द्वारा आयोजित यह चौथी समीक्षा बैठक है.
HIGHLIGHTS
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और रक्षा अनुसंधान की समीक्षा की.
- राजनाथ ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा स्थापित कोविड अस्पतालों की स्थिति पर चर्चा की
- कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए सोमवार को सेना दे रही सेवाएं