केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने वायुसेना स्टेशन येलहंका में भारतीय वायुसेना कनक्लेव के उद्घाटन में कहा कि 1971 का युद्ध (1971 war) और इसमें भारतीयों की जीत जितनी खास है इस युद्ध का आधार भी उतना ही खास है. उन्होंने कहा कि ये इतिहास के उन कुछ युद्धों में से एक है जो न किसी जमीन के लिए, न किसी आसमान पर हक जमाने के लिए, न किसी तरह की सत्ता के लिए. इस युद्ध के पीछे लक्ष्य था मानवता और लोकतंत्र की गरिमा की सुरक्षा.
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आपको बता दें कि इससे पहले राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका की सराहना की थी. रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भी नाम लिया. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय विकास में महिला शक्ति की भूमिका को लेकर भारत का अनुभव हमेशा से सकारात्मक रहा है.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर बातचीत करना ठीक है, लेकिन सुरक्षा और राष्ट्र-निर्माण के सभी क्षेत्रों में उनके व्यापक योगदान को पहचाना जरूरी है. उन्होंने कहा था कि देश की रक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए इतिहास में महिलाओं के हथियार उठाने के कई उदाहरण हैं. रानी लक्ष्मीबाई उनमें से सबसे आगे हैं. भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल वर्षों तक देश का नेतृत्व किया, बल्कि युद्ध के समय भी बेहतर तरीके कमान संभाली.
HIGHLIGHTS
- रक्षा मंत्री ने येलहंका में भारतीय वायुसेना कनक्लेव के उद्घाटन समारोह को किया संबोधित
- 1971 में भारतीयों की जीत जितनी खास है इस युद्ध का आधार भी उतना ही खास है
- इस वार के पीछे लक्ष्य था मानवता और लोकतंत्र की गरिमा की सुरक्षा : राजनाथ सिंह