वीर सावरकर के जीवन के बहुत सारे आयाम है. वीर सावरकर की कहानी अब तक उन लोगों ने बताई है जो खास विचारधारा के है.शेर जब तक अपनी कहानी नहीं कहेगा तब तक शिकारी महान बना रहेगा, वीर सावरकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे,सावरकर महानायक थे है और भविष्य में भी रहेंगे. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर सावरकर पर लिखी गई एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में ये बातें कही हैं. यह पुस्तक केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने लिखी है. उन्होंने कहा कि सावरकर पर विशेष विचारधारा के लोगों ने तिरस्कार किया. वीर सावरकर प्रखर राष्ट्रवादी थे. वामपंथी सावरकर पर आरोप लगाते है,सावरकर हिंदूवादी नही बल्कि यथार्थवादी और राष्ट्रवादी थे. वीर सावरकर के लिए हिन्दू शब्द धर्म से नही बल्कि संस्कृति से जुड़ा था. वीर सावरकर से नफरत स्वीकार नहीं हो सकता.
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रक्षा मंत्री ने कहा कि सावरकर ने कभी अपनी रिहाई के लिए पेटिशन फ़ाइल नही किया था,महात्मा गांधी के कहने पर फ़ाइल किया था,जो बातें कही जाती है कि सावरकर माफी मांगे थे सब गलत है. सावरकर समाज सुधारक थे,मानवता उनके विचार का आधार था.
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उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने संसद में वीर सावरकर के चित्र लगाने का 2003 में विरोध किया था. राजनीतिक दलों के लोग उस कार्यक्रम में नहीं आए, सिर्फ चंद्रशेखर जी शामिल हुए थे, इस तरह का नफरत क्यों करते हैं. हमारे लिए सावरकर एक विचार है.
HIGHLIGHTS
- वीर सावरकर के लिए हिन्दू शब्द धर्म से नही बल्कि संस्कृति से जुड़ा था
- राजनाथ सिंह ने कहा, सावरकर ने नहीं मांगी थी मांफी
- राजनीतिक दलों ने संसद में वीर सावरकर के चित्र लगाने का 2003 में किया था विरोध