केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में समस्या मुख्य रूप से पाकिस्तान द्वारा उत्पन्न की गई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और भारत में आतंकवादी भेज रहा है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि राज्य में आतंकवादी घटनाओं में पहले से कमी आई है. राजनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार के साथ पिछली सरकारों ने हमेशा ही पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश की, लेकिन पड़ोसी देश के साथ कोई मजबूरी है, जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा कड़ी आलोचना के बावजूद वह इस मुद्दे पर कुछ भी करने में असफल रहा है.
दिल्ली में एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में समस्याएं मुख्यरूप से पाकिस्तान के कारण हैं. मुझे उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय रूप से अलग-थलग होने के बाद वह अब कुछ मामलों पर अपने रास्ते बदलेगा.'
आतंकवाद को मानवता के विरुद्ध अपराध बताते हुए राजनाथ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब स्थिति बदल गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में 1995 में जहां लगभग 6,000 आंतकवादी घटनाएं होती थीं, वहीं अब मात्र 370-380 घटनाएं ही होती हैं.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का किसी धर्म या जाति से संबंध नहीं होता है. कट्टरता को बढ़ावा नहीं देने के लिए उन्होंने भारत के मुस्लिम समुदाय की प्रशंसा की.
अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में 18 सितंबर को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की मौत पर राजनाथ ने कहा, 'हमारी सेना ने इस मुद्दे पर कार्रवाई की है. मैं पहले भी कह चुका हूं और यह बेतुका बयान नहीं है. कुछ हुआ था, इसीलिए मैं ऐसा कह रहा हूं. मैं यह सार्वजनिक रूप से नहीं कह सकता, क्योंकि इससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में गलत संदेश जाएगा.'
गृहमंत्री ने कहा, 'मैं सुरक्षा बलों से हमेशा कहता हूं कि उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ कभी गोलीबारी की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. लेकिन अगर पहले वे हम पर गोलीबारी करते हैं तो हमें इस पर विचार नहीं करना चाहिए कि क्या करना है और गोलियों की कोई गिनती नहीं करनी चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'राज्य में विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर हमने जनादेश का सम्मान करते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से गठबंधन कर सरकार बनाई.'
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गृहमंत्री ने गठबंधन सरकार के टूटने के बाद पत्थरबाजों के दोबारा आने की बात को नकारते हुए कहा, 'पत्थरबाज कभी अपने घरों में नहीं बैठते. जम्मू-कश्मीर में हमारे सरकार बनाने के बाद भी पत्थरबाजी की घटनाएं जारी रहीं और यह कई सालों से हो रही हैं.'
राजनाथ ने कहा कि वे मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति और बेहतर होनी चाहिए, लेकिन उन्होंने कहा कि राज्य के निवासियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सेना, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के बीच अच्छा समन्वय है. सीमा पर पूर्ण सुरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा सुधारने के लिए सरकार ने कुछ परियोजनाएं शुरू की हैं.
Source : IANS