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राजनाथ ने कहा, रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी नहीं, अवैध अप्रवासी

राजनाथ ने कहा, 'म्यांमार से अवैध तरीके से भारत में घुस आए रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं। इसकी एक प्रक्रिया होती है। इनमें से किसी ने इसका पालन नहीं किया। राष्ट्रीय सुरक्षा अहम है।

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Jeevan Prakash
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राजनाथ ने कहा, रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी नहीं, अवैध अप्रवासी

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो-@DDNewsLive )

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भारत में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों पर केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि वह शरणार्थी नहीं अवैध अप्रवासी हैं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्या मुस्लिम देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्हें वापस भेजा जाएगा।

वहीं एनएचआरसी ने साफ कर दिया है कि वह रोहिंग्या के पक्ष में अपनी दलील रखेगी। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) आयोग के एक कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा, 'म्यांमार से अवैध तरीके से भारत में घुस आए रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं। इसकी एक प्रक्रिया होती है। इनमें से किसी ने इसका पालन नहीं किया। राष्ट्रीय सुरक्षा अहम है। मानवाधिकार की बात करना सही नहीं।'

गृहमंत्री ने कहा, 'पीएम के म्यांमार दौरे के बाद हाल में वहां की नेता सू ची ने रोहिंग्या लोगों को वापस लेने की बात कही। उम्मीद करता हूं, जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे।'

साथ ही राजनाथ ने बताया कि हम बांग्लादेश में रोहिंग्या लोगों को मानवीय मदद पहुंचा रहे हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा, 'रोहिंग्याओं को वापस भेजकर भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करेगा, क्योंकि भारत ने 1951 यूएन रिफ्यूजी कन्वेंशन पर हस्ताक्षर नहीं किया है।'

वहीं कार्यक्रम में मौजूद एनएचआरसी प्रमुख और पूर्व सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एचएल दत्तु ने कहा, 'हम रोहिंग्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। इंसान होने के नाते उनके मानवधिकारों की रक्षा की जानी चाहिये। हम चाहेंगे कि केंद्र सरकार बिना पर्याप्त सुरक्षा दिए हुए रोहिग्या मुस्लिमों को वापिस ना भेजे।'

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आपको बता दें कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा के बाद करीब 400,000 रोहिंग्या मुसलमानों बांग्लादेश पलायन कर चुके हैं। म्यांमार में 25 अगस्त को बौद्ध और मुस्लिम के बीच संघर्ष हुआ था। जिसके बाद से रोहिंग्या मुस्लिम पलायन कर रहे हैं।

वहीं भारत सरकार ने 2012 में हुई हिंसा के बाद भारत आए रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस भेजने का फैसला किया है। सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। भारत में करीब 40000 रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं।

केंद्र ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों के भारत में रहने पर देश के संसाधन और देश की जनता के अधिकार प्रभावित होंगे।

केंद्र ने कहा कि कई रोहिंग्या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, आईएस और अन्य ऐसे उग्रवादी समूहों की संदिग्ध घातक योजनाओं में भी दिखे हैं जो भारत में संवेदनशील क्षेत्रों में सांप्रदायिक हिंसा भड़काकर अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति करना चाहते हैं।

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Source : News Nation Bureau

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