यात्रियों की सुविधा में सुधार और सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए भारतीय रेलवे लगातार काम कर रहा है. चोरी और शोषण के मामलों पर लगाम लगाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया जा रहा है. RPF के कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रेल यात्रियों के लिए ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा शुरू करने का भी भरोसा दिया. रेलवे की सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए सरकार सीसीटीवी से लेकर थिएटर कमांड एसओपी का सहारा लेगी. रेल और रेल यात्री सिर्फ सामान्य अपराधियो के ही नहीं बल्कि नक्सलवादी और आतंकवादियों के निशाने पर भी होते है. रेलवे के सामने ट्रेन आपरेशन का चैलेंज आतंक प्रभावित कश्मीर से लेकर नक्सल प्रभावित झारखंड और छत्तीसगढ़ में हमेशा बना रहता है. खतरे की इस चुनौती से कैसे निपटा जाए इसके लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह से थिएटर कमांड एसओपी बनाने की बात कही, जिससे विषम हालात में आरपीएफ, जीआरपी,लोकल पुलिस, पैरामिलिट्री और संबधित अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल रहे और आवश्यक कदम उठाना आसान हो जाये.
राजनाथ सिंह ने कहा, 'यात्रियों के पास एफआईआर दर्ज करवाने की सुविधा नहीं है. अगर कोई ट्रेन से यात्रा कर रहा है, तो उसे गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) पुलिस स्टेशन FIR दर्ज करवाने के लिए जाना पड़ता है. इसके बाद यह संबंधित राज्य, जिले और फिर पुलिस स्टेशन के लिए जाती है. ऐसे में न्याय मिलने में देर होती है. और कोई गारंटी नहीं रह जाती.'
गृह मंत्री ने ट्रेन और ट्रेन परिसर में यात्रियों के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओ के बाद निकटवर्ती स्टेशन पर एफआईआर के झमेले से निजाद दिलाने के लिए औन लाइन एफआईआर के विकल्प को लागू करने की बात कही. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ऐलान किया कि अगले 4 महीने में रेलवे 12 हजार ट्रेनों को सीसीटीवी से लैस करेगा और इन कैमरों को आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से भी जोड़ा जाएगा ताकि न आपराधिक घटनाये इन कैमरों में कैद हो. फेस रिकग्निशन के जरिये अपराधियों के बारे में तुरत अलर्ट भी जारी किया जा सकेगा.
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पीयूष गोयल ने कहा, 'चार महीने में 12 हजार ट्रेनों में कैमरे लगाए जाएंगे ताकि ट्रेन के भीतर हो रही घटनाये रिकॉर्ड हो. कैमरे आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस से लैस होंगे ताकि फेस रीडिंग कर वे अपराधियो की जानकरी तत्काल कंट्रोल रूम को दे सकें.'
RPF के कॉन्फ्रेंस में रेल सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्रालय और गृह मंत्रलाय के बीच गहन मंथन चला. इस मंथन में मनोज सिन्हा ने आरपीएफ को जवाबदेही के साथ साथ अधिकारों से लैस करने की वकालत गृह मंत्रालय से की. ट्रेन में हुई घटना का ऑनलाइन FIR का व्यवस्था नही है,स्टेशन और उतरकर जीआरपी थाने में FIR दर्ज करवाना पड़ता है.
Source : News Nation Bureau