रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) 8 अक्टूबर को फ्रांस जाएंगे. यहां फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित पहला भारतीय राफेल लड़ाकू विमान को रिसिव करेंगे. पहले यह विमान 20 सितंबरम को मिलने वाला था. लेकिन इसमें दो हफ्ते की देरी हो गई. सरकारी सूत्रों का कहना है कि 8 अक्टूबर दो कारणों से महत्वपूर्ण है. उस दिन दशहरा और वायुसेना दिवस दोनों हैं. राजनाथ सिंह अजय कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 8 अक्टूबर को फ्रांस से विमान लेने के लिए जाएंगे.
हालांकि पहले तक ये तय किया गया था कि बालाकोट ऑपरेशन इंचार्ज और वर्तमान वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ 19-20 सितंबर को फ्रांस से राफेल विमान प्राप्त करने के लिए जाएंगे.
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अब एयर फोर्स की टीम फ्रांस जाएगी और उसी वक्त डॉक्यूमेंट पर साइन करेगी. इसके बाद पायलट की राफेल फाइटर प्लेन की ट्रेनिंग होगी. सूत्रों ने कहा कि एक बार प्रशिक्षण शुरू करने के बाद, वे एक बार रक्षा मंत्री और उनकी टीम बोर्दो के पास पहुंचेंगे.
हालांकि विमानों को आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा, लेकिन पायलटों और कर्मियों के प्रशिक्षण के बाद मई 2020 में भारत में पहुंचना शुरू कर देंगे.
उन्होंने कहा कि शीर्ष सैन्य ब्रास के साथ-साथ डसॉल्ट एविएशन के वरिष्ठ अधिकारी, राफेल के निर्माता भी समारोह में उपस्थित होंगे.
भारतीय विमानों को बहुत सारे भारत-विशिष्ट संवर्द्धन से सुसज्जित किया गया है, जो लगभग एक बिलियन यूरो की लागत से फिट किए गए हैं.
भारतीय पायलटों के छोटे बैचों को फ्रांसीसी वायु सेना के विमानों के लिए प्रशिक्षित कर दिया गया है. भारतीय वायु सेना मई 2020 तक तीन अलग-अलग बैचों में 24 पायलटों को प्रशिक्षित करेगी ताकि भारतीय राफेल लड़ाकू जेट को उड़ाया जा सके.
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भारतीय वायु सेना राफेल लड़ाकू विमानों में से प्रत्येक में एक स्क्वाड्रन को हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल में हाशिमारा में तैनात करेगी. बता दें कि सितंबर 2016 में भारत ने फ्रांसीसी सरकार और डसॉल्ट एविएशन के साथ 36 राफेल लड़ाकू जेट का सौदा किया था.
HIGHLIGHTS
- 8 अक्टूबर को भारत को मिलेगा पहला राफेल फाइटर विमान
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जाएंगे फ्रांस
- पायलटों और कर्मियों की ट्रेनिंग के बाद 2020 में राफेल की खेप पहुंचेगी