फिल्म अभिनेता रजनीकांत Man Vs Wild की सेट पर घायल हो गए. वे बांदीपुर टाइगर रिजर्व पर मैन वर्सस वाइल्ड की शूटिंग कर रहे थे. उनके टखने मुड़ गए हैं. उसमें काफी चोटें आई हैं. हालांकि वाइल्ड लाइफ के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें हादसे के बारे में जानकारी नहीं हैं. वे ब्रिटिश एडवेंचर बेयर ग्रिल्स के साथ शूटिंग कर रहे थे. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सुपरस्टार रजनीकांत अब डिस्कवरी चैनल पर बेयर ग्रिल्स के मशहूर शो ‘मैन वर्सेस वाइल्ड’ में नजर आयेंगे. जिसकी शूटिंग कर्नाटक के बांदीपुर जंगल में शुरू हो गई है. लेकिन इस दौरान वे घायल हो गए.
Sources: Actor Rajinikanth has suffered minor injuries during the shooting of an episode of 'Man vs Wild' with British adventurer Bear Grylls, at Bandipur forest in Karnataka. (file pics) pic.twitter.com/uQxsHCTkCb
— ANI (@ANI) January 28, 2020
दुनिया के सबसे जोखिम भरे इलाकों में अद्भुत साहस का परिचय देते हुए जीवित रहने वाले टीवी प्रस्तोता ग्रिल्स ने रजनीकांत के साथ शूटिंग शुरू कर दी है. रजनीकांत सोमवार को शूटिंग के लिये मैसूर गए. बताया जा रहा है कि कर्नाटक के वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने बांदीपुर रिजर्व के भीतर इसकी शूटिंग का विरोध किया है. मोदी पिछले साल अगस्त में इस कार्यक्रम में आये थे, जिसकी शूटिंग जिम कार्बेट में हुई थी.
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वहीं दूसरी तरफ मद्रास उच्च न्यायालय ने अभिनेता रजनीकांत के खिलाफ 2002-03 से लेकर तीन साल तक कर आकलन के संदर्भ में दर्ज आयकर विभाग की अपील को मंगलवार को खारिज कर दिया. विभाग ने सीबीडीटी के एक परिपत्र का हवाला देते हुए एक करोड़ रुपये से कम राशि वाले मामले को आगे कानूनी चुनौती नहीं देने का फैसला किया. न्यायमूर्ति विनीत कोठारी और न्यायमूर्ति आर सुरेश कुमार की पीठ ने आदेश सुनाया. आयकर विभाग ने दलील दी थी कि वह आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के 26 जुलाई, 2013 के आदेश के खिलाफ अपील को वापस ले रहा है.
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न्यायाधिकरण ने रजनीकांत की 66 लाख रुपये से ज्यादा की कुल आय पर जुर्माना लगाने के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया था. विभाग के वकील ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 8 अगस्त, 2019 को परिपत्र जारी कर अधिकारियों को निर्देश दिया था कि एक करोड़ रुपये से कम कम राशि वाले मामलों में अपील नहीं करें. उन्होंने कहा कि आयकर आयुक्त, चेन्नई द्वारा दाखिल मौजूदा याचिका में विभाग ने तीनों साल के लिए जिस राशि के लिए अपील की वह एक करोड़ रुपये से कम थी.