गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही दो बार 15-15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्षी सदस्यों ने नोटिस नहीं दिए जाने को लेकर हंगामा किया. विपक्ष के सात सदस्यों ने सभापति को विभिन्न मुद्दों पर नोटिस दिया था, लेकिन अनुमति नहीं मिली. प्रतिक्रिया में, विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की और सदन को दो बार पूर्वाह्न् 11.12 बजे से 15 मिनट के लिए और दूसरी बार 11.35 बजे से पूर्वाह्न् 11.50 बजे तक स्थगित कर दिया गया.
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओब्रायन ने कहा, ऐसे कम से कम तीन उदाहरण हैं जहां नियम 267 के निलंबन की अनुमति दी गई है, जिसमें नोटबंदी भी शामिल है. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने भी उनके नोटिस पर जोर दिया और कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी नियम 267 का हवाला दिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सदस्य गलत आरोप लगा रहे हैं और इसकी जांच की जानी चाहिए. वह आप नेता संजय सिंह के उस बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 3000 राजनीतिक नेताओं के यहां छापेमारी की गई है.
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Source : IANS