राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश 20 सितंबर को कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान विपक्षी सांसदों की ओर से किए गए हंगामे के खिलाफ 24 घंटों के लिए उपवास रखेंगे. उप सभापति हरिवंश ने राज्यसभा के सभापति को लिखे पत्र में कहा, राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्म पीड़ा, तनाव और मानसिक वेदना में हूं. मैं पूरी रात सो नहीं पाया.
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उप सभापति हरिवंश ने कहा, सदन के सदस्यों की ओर से लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ. आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई. उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गईं. सदन में सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ी. मेरे ऊपर फेंका. उप सभापति हरिवंश ने पत्र में लिखा, सदन के जिस ऐतिहासिक टेबल पर बैठकर सदन के अधिकारी, सदन की महान परंपराओं को शुरू से आगे बढ़ाने में मूक नायक की भूमिका अदा करते रहे हैं, उनकी टेबल पर चढ़कर सदन के जरूरी कागजात-दस्तावेजों को पलटने, फेंकने और फाड़ने की घटनाएं हुईं.
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उप सभापति ने कहा, नीचे से कागज को रोल बनाकर आसन पर फेंके गए. आक्रामक व्यवहार, भद्दे और असंसदीय नारे लगाए गए. हृदय और मानस को बेचैन करने वाला लोकतंत्र के चीरहरण का पूरा नजारा रात मेरे मस्तिष्क में छाया रहा. इस कारण मैं सो नहीं सका. आगे कहा कि गांव का आदमी हूं, मुझे साहित्य, संवेदना और मूल्यों ने गढ़ा है.
उन्होंने कहा, आज 22 सितंबर सुबह से 23 सितंबर की सुबह तक मैं 24 घंटे क उपवास पर रहूंगा. इस दौरान कामगाज ना रुके में सदन में रहुंगा. मैं नियमित और सामान्य रूप से भाग लूंगा.
Source : News Nation Bureau