आगामी राज्यसभा चुनाव (Rajya sabha election) में शिवसेना (Shiv sena) द्वारा महाराष्ट्र से प्रियंका चतुर्वेदी (priyanka chaturvedi) को उम्मीदवार बनाये जाने से पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं औरंगाबाद से पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे (chandrakant khaire) नाराज नजर आ रहे हैं. चतुर्वेदी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद खैरे ने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि आदित्य ठाकरे की शिवसेना को शायद उनके जैसे पुराने नेताओं की जरूरत नहीं है.
महाराष्ट्र (maharashtra) में राज्यसभा की 7 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है. खैरे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘आदित्य ठाकरे की शिवसेना को अब मेरे जैसे पुराने सहकर्मियों की जरूरत नहीं रह गई है.’ उन्होंने शिवसेना नेतृत्व पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि चतुर्वेदी अच्छी अंग्रेजी और हिंदी बोलती हैं, वह संसद में कहीं अधिक प्रभावी तरीके से मुद्दों को रख सकेंगी.
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चतुर्वेदी कांग्रेस छोड़ कर अप्रैल 2019 में शिवसेना में शामिल हुई थी
उल्लेखनीय है कि चतुर्वेदी कांग्रेस छोड़ कर अप्रैल 2019 में शिवसेना में शामिल हुई थी. उस वक्त शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना कार्यकर्ता को चतुर्वेदी के रूप में एक अच्छी बहन मिल गई है. शिवसेना नेता खैरे ने कहा कि वह दो दशक तक सांसद रहे हैं.
पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे शिवसेना से हैं खफा
चार बार सांसद रहे और पिछले लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद सीट पर एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील से पराजित हुए खैरे ने कहा, ‘राज्यसभा के लिए मेरी उम्मीदवारी मराठवाड़ा क्षेत्र की मांग की थी और यदि मुझे उम्मीदवार बनाया जाता तो पार्टी को इस क्षेत्र में कहीं अधिक मजबूती मिलती. ’
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खैरे बोले राज्यसभा के लिए मुझे उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए
उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी आलाकमान से बात हुई थी और शिवसेना के नेताओं ने भी पार्टी नेतृत्व से कहा था कि राज्यसभा उम्मीदवार मुझे बनाया जाना चाहिए. लेकिन आदित्य ठाकरे ने चतुर्वेदी के नामांकन पर जोर दिया.’
उन्होंने कहा, ‘मैं शुरूआत से शिवसैनिक रहा हूं और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे तथा पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ काम किया है. मैं अपनी अंतिम सांस तक पार्टी के लिए काम करता रहूंगा.’