दिल्ली सेवा बिल विवाद में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने खुद को निर्दोष बताया है. केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वो कागज दिखाए, जिस पर साइन हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी हमारी छवि खराब करने के लिए मेरे खिलाफ निराधार दुष्प्रचार कर रही है. आपको बता दें कि इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया. इस दौरान राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, राघव चड्ढा समेत ‘‘आप’’ के सभी सांसद मौजूद रहे.
इस खबर को भी पढ़ें- INDIA पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का तंज- इनकी मोहब्बत की नहीं, भ्रष्टाचार-झूठ की दुकान है
हमारे खिलाफ झूठा दुष्प्रचार किया गया
इस प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि सदन की कार्रवाई के बारे में समान्य ज्ञान की जानकारी होनी चाहिए. चयन समिति में किसी भी सदस्य द्वारा किसी भी सदस्य का नाम प्रस्तावित किया जा सकता है और उसके हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होती है. सांसद राघव चड्ढा ने पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि भाजपा का मूलमंत्र है कि एक झूठ को हजार बार बोलो ताकि वो सच्चाई में तब्दील हो जाए. इस मंत्र के तहत भाजपा ने मेरे खिलाफ दुष्प्रचार शुरू किया गया है. अमूमन ये देखा जाता है कि जब भी किसी सदस्य के खिलाफ विशेषाधिकार समिति कोई कार्रवाई शुरू करती है तो वो सदस्य उस पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं देता है. लेकिन मुझे मजबूरन देश के सामने आना पड़ा.
क्या है रूल बुक के नियम?
राघव चड्ढा ने रूल बुक का हवाला देते हुए कहा कि रूल बुक के अनुसार राज्यसभा संचालित होती है. रूल बुक में लिखा है कि किसी भी चयन समिति के गठन के लिए कोई भी सांसद नाम प्रस्तावित कर सकता है और जिस सदस्य का नाम प्रस्तावित किया जाता है, उसके हस्ताक्षर और लिखित सहमति की जरूरत नहीं होती है. रूल बुक में कहीं पर भी नहीं लिखा है कि चयन समिति में प्रस्तावित किसी सदस्य का नाम देने के लिए लिखित सहमति या हस्ताक्षर चाहिए. इसके बावजूद झूठा प्रचार फैलाया गया कि गलत हस्ताक्षर हो गया.
Source : News Nation Bureau