राज्यसभा में मंगलवार को जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक पास हो गया. बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में इसको लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हजारों लोगों का जीवन जलियांवाला बाग में प्रभावित हुआ था. उन्होंने कहा कि भविष्य में यह घटना कभी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी हमें खून के एक बूंद भी बहाए आजादी मिली. इसके आगे उन्होंने कहा कि हमलोग कभी ये नहीं कह पाएंगे कि हमें जो आजादी मिली है वो खड़ग ढाल के बिना मिली है. हजारों की संख्या में लोगों ने गोलियां खाईं और खून बहाए, इसके बाद हमें आजादी मिली.
यह भी पढ़ें- तमिलनाडु में कॉलेज छात्रा ने पेट्रोल छिड़कर खुद को लगाई आग, हालत गंभीर
Sudhanshu Trivedi, BJP, in Rajya Sabha, on Jallianwala Bagh National Memorial (Amendment) Bill: We'll never have to say that we gained freedom without 'khadag, dhaal', the freedom struggle began when thousands of people faced bullets and shed their blood. https://t.co/IiYHnwe2yz
— ANI (@ANI) November 19, 2019
संसद ने मंगलवार को जलियांवाला बाग ट्रस्ट से संबंधित उस विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें ट्रस्ट के न्यासियों में से कांग्रेस अध्यक्ष के नाम को हटाने और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को न्यासी बनाने का प्रावधान किया गया है. राज्यसभा में राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 पर हुई चर्चा में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने न्यासियों में से कांग्रेस अध्यक्ष का नाम हटाने जाने के प्रावधान को लेकर सरकार पर निशाना साधा. विधेयक पर हुई चर्चा का जबाव देते हुए संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसने कभी भी ट्रस्ट के कामकाज को लेकर गंभीरता नहीं दिखायी.
यह भी पढ़ें- त्रिपुरा: ATM से धोखे से पैसे निकालने के आरोप में चार विदेशी नागरिक गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि 1951 में ट्रस्ट की स्थापना के समय जवाहरलाल नेहरू, सैफुद्दीन किचलू और मौलाना आजाद इसके स्थाई न्यासी थे और उनके निधन के कई साल बाद भी कांग्रेस की तत्कालीन सरकारों ने स्थाई न्यासियों के पद भरने का प्रयास नहीं किया. उनकी चर्चा के बाद उच्च सदन ने ध्वनिमत से राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी. लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है. पटेल ने कहा कि सरकार द्वारा नामित सदस्यों में शहीदों के परिजनों को भी शामिल करने के उपाय किये जायेंगे. पटेल ने कहा कि कहा कि जलियांवाला बाग एक राष्ट्रीय स्मारक है और हम नहीं चाहते कि इसमें कोई राजनीति हो. कांग्रेस की अनदेखी किये जाने के आरोपों पर पटेल ने कहा कि ट्रस्ट में पंजाब के मुख्यमंत्री, अमृतसर के सांसद, पंजाब के संस्कृति मंत्री, केन्द्र में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को सदस्य रखने की बात की गई है. ऐसे में यह आरोप उचित नहीं है.
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में अवैध तरीके से प्रवेश होने की कोशिश कर रहे 2 भारतीय गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग की मिट्टी में हमारे बलिदानी पुरखों का खून है. उन्होंने कहा कि सरकार ने वहां की खून से रक्तरंजित मिट्टी को राष्ट्रीय संग्रहालय में रखने के लिए कदम उठाया है ताकि यह लोगों को अपने पुरखों की शहादत और उनके बलिदान से अवगत करा सके. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए 1970 में इंदिरा गांधी ने एक बार ट्रस्ट की बैठक की अध्यक्षता की थी. उसके बाद सात अगस्त 1998 को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस ट्रस्ट के बैठक की अध्यक्षता की जबकि उस समय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. उन्होंने 1920 से लेकर 1951 और उसके बाद के ट्रस्ट के कामकाज की विस्तार से चर्चा करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने इसे सुचारू रूप से चलाने की ओर ध्यान नहीं दिया.
यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान में अमेरिकी महिला का बलात्कार के आरोप में भारतीय पर चलेगा मुकदमा
उन्होंने कहा कि उन्होंने ट्रस्ट की बैठकों के बारे में काफी रिकार्ड खंगाले लेकिन उन्हें बहुत जानकारी नहीं मिली. उन्होंने आरोप लगाया कि संस्था का कामकाज काफी लचर रहा है और उसमें सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अब संस्था को उसका हक मिल रहा है और अपनी सुविधा के अनुसार किसी संस्था को चलाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में कटुता से काम नहीं चलेगा और इसे दल का मामला नहीं बनाया जाना चाहिए.
(इनपुट भाषा)