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दिल्ली बॉर्डर से हट जाएगा किसान आंदोलन... राकेश टिकैत का केंद्र पर आरोप

टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन को दिल्ली के विभिन्न सीमा क्षेत्रों से हटाकर जींद स्थानांतरित करवाना चाहती है.

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Nihar Saxena
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Rakesh Tikait

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं बनेगी अगले साल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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दिल्ली की सीमा पर चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) क्या यहां से हटाया जाएगा? संयुक्त किसान मोर्चा नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया. टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन को दिल्ली के विभिन्न सीमा क्षेत्रों से हटाकर जींद स्थानांतरित करवाना चाहती है. उन्होंने केंद्र को चुनौती दी कि किसान सरकार की चाल को कामयाब नहीं होने देंगे. टिकैत ने यहां जींद और नरवाना के बीच स्थित खटकड़ टोल पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन को जींद के आस-पास शिफ्ट करवाना चाहती है.

केंद्र की चाल कामयाब नहीं होने देंगे
दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहा किसानों का धरना वहीं पर जारी रहेगा, जो केंद्र सरकार की चाल है उसको कामयाब नहीं होने देंगे. हम दिल्ली को किसी सूरत में नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में भी चल रहा आंदोलन जारी रहेगा. टोहाना पुलिस द्वारा पकड़े गए किसानों को लेकर राकेश टिकैत ने कहा, जो पकड़े गए वो हमारे ही बच्चे हैं. वो विधायक के आवास का घेराव करने चले गए होंगे. सब आंदोलन का ही हिस्सा है वो हमारे हैं, हम उन्हें समझाएंगे.

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5 जून को देशभर में करेंगे प्रदर्शन
उन्होंने हाल में उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत के चुनाव में भाजपा द्वारा कम सीटें जीतने की ओर ध्यान दिलाते हुए दावा किया यह पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव भी हारेगी क्योंकि राज्य सरकार ने कोई काम नहीं किया. उन्होंने दावा कि राज्य में आज भी गन्ना किसानों का 23 हजार करोड़ रुपए बकाया है. टिकैत ने कहा कि पांच जून को तीनों नये कृषि कानूनों के बनने के एक साल पूरे होने पर देश भर में भाजपा एवं उनके सहयोगी दलों के सांसदों, विधायकों, मंत्रियों के आवास के बाहर किसान तीनों कानूनों की प्रतियां जला कर रोष प्रकट करेंगे.

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संयुक्त मोर्चा का आह्वान उपद्रव फैलाने का नहीं
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा के गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा था कि टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली के घर का घेराव करने जा रहे लोगों के साथ संयुक्त मोर्चा नहीं है. वे बागी हो गए हैं. कुछ लोग अपनी राजनीति चमका रहे हैं. संयुक्त मोर्चा का आह्वान उपद्रव फैलाने का नहीं है.

HIGHLIGHTS

  • राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को दबाने का लगाया आरोप
  • केंद्र सरकार धरना-प्रदर्शन स्थल सीमा से हटाना चाहती है
  • 5 जून को किया जाएगा राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन
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