Farmer Chakka Jam: देशभर में शनिवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने चक्का जाम किया. किसानों ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर देश के बाकी राज्यों में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक शांतिपूर्ण चक्का जाम किया. इस दौरान सड़कों पर किसानों ने जाम लगाया तो कई जगह सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा. चक्का जाम को लेकर खास बात ये रही कि इस दौरान कोई किसान दिल्ली की ओर नहीं आया. इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने अक्टूबर तक का समय दिया है.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (BKU Leader) ने कहा कि हमने कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को दो अक्टूबर तक का समय दिया है. इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे. हम किसी भी दबाव में सरकार के साथ चर्चा नहीं करेंगे.
We have given time to the government till 2nd October to repeal the laws. After this, we will do further planning. We won't hold discussions with the government under pressure: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/HwqBYDIH5C
— ANI (@ANI) February 6, 2021
आपको बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में तीनों कृषि कानूनों पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस समेत विपक्ष पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि किसानों को बरगलाया गया और केवल एक राज्य (पंजाब) के किसान गलतफहमी के शिकार हैं. कानूनों को काला कहा जाता है, लेकिन मैं हर बैठक में पूछता रहा कि इसमें क्या काला है, किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. कृषि मंत्री तोमर ने कहा था कि दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेसी कर सकते हैं.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उच्च सदन राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा में भाग लेते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि कृषि सुधार कानूनों की बात आज ज्वलंत मुद्दा है. प्रतिपक्ष के नेताओं ने किसान आंदोलन पर सरकार को कोसने में कोई कंजूसी नहीं की. उन्होंने कानूनों को काला बताया. मैं किसान यूनियन से दो महीने तक यह पूछता रहा कि कानून में काला क्या है, बताओ तो ठीक करने की कोशिश करूं. लेकिन वहां भी मालूम नहीं पड़ा.'
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है. किसान आंदोलन को हम लोगों ने लगातार सम्मान देने की कोशिश की है. 12 बार ससम्मान बुलाकर बातचीत की है. एक शब्द भी हमने इधर-उधर नहीं बोला है. हमने यह जरूर बोला है कि प्रावधान में कहां गलती है, उसे बताइए. हमने उनकी भावना के अनुरूप उनकी शंकाओं का समाधान करने की कोशिश की.
HIGHLIGHTS
देशभर में 3 घंटे का शांतिपूर्ण चक्का जाम
टिकैत ने सरकार को अक्टूबर तक का दिया समय
तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग
Source : News Nation Bureau