Farmer Protest: केंद्रीय कृषि कानूनों (Fram Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. इसे लेकर शुक्रवार को मुरादाबाद में किसान महापंचायत हो रही है. इस किसान महापंचायत में शामिल हुए बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की पंचायत बढ़ती जा रही है. किसान नेता टिकैत ने आगे कहा कि पंचायती प्रणाली को हम मानने वाले लोग हैं. हम फैसलों के बीच में न पंच बदलते हैं और न मंच बदलते हैं. हमारा दफ्तर सिंघु बार्डर पर ही रहेगा और हमारे लोग भी वहीं रहेंगे. जो केंद्र सरकार की लाइन थी वह बातचीत करने की उसी लाइन पर बातचीत कर लें. कृषि कानून रद्द होने के बाद ही घर वापसी होगी. केंद्र चाहे तो आज 10 दिनों में बात कर सकता है या अगले साल, हम तैयार हैं.
किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन नरेश टिकैत ने कहा कि हमारे संगठन ने सरकार की लगाम थामी है. सरकार तरह-तरह के आरोप लगा रही है. जनता सभी आरोपों का जवाब देगी. अगर किसान ढीले पड़े तो आने वाले सालों तक आपका कोई नाम नहीं लेगा. उन्होंने आगे कहा कि पिछली बातें भुलाकर एक हो जाओ. प्रधानमंत्री जी बात कहकर हंसते हैं. आंदोलनजीवी एक मजाक का शब्द है. वे पंचायत को जमात कह रहे हैं.
नरेश टिकैत ने आगे कहा कि कानून बाद में पहले मान सम्मान की लड़ाई है. इन्होंने किसानों की बेइज़्ज़ती की है. इन्हें माफ़ी मांगनी पड़ेगी. इन्होंने हिन्दू-मुस्लिम में खाई पैदा की है. सरकार से चौकस रहने की जरूरत है. मुरादाबाद में गन्ने और बिजली की समस्या है. किसानों के सामने दिक्कत का आ रही है. किसानों पर बेहिसाब मुक़दमे दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने आगे कहा किकोई यह न समझे कि मैं बच जाऊं मुक़दमे सब पर होंगे, समझ लो. सरकार का काम सिर्फ आवाज़ को दबाना है. 98 प्रतिशत भाजपा को हिन्दुओं ने वोट दिया, लेकिन अब 98 प्रतिशत लोग खिलाफ हो गए हैं. युवाओं की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. अभी उत्तर प्रदेश में कानून नहीं आया है. मन मुटाव भूलकर संगठन को मजबूत करें. धानमंत्री की गुजरात में चल गई होगी, लेकिन उन्होंने हमारे यहां गलत जगह हाथ डाल दिया है. हमारे पास शांति का हत्यार है. आंदोलन में एकत्र होकर रहें. सरकार को झुकना पड़ेगा.
Source : News Nation Bureau