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सरकार ये ना सोचे की किसान अपनी फसल की कटाई के लिए वापस लौट जाएंगे: राकेश टिकैत

आंदोलनकारी किसान अपने इस आंदोलन के अंतर्गत गुरुवार को रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan) कर रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसान को सख्‍त शब्‍दों में कहा है कि मांगों को माने जाने तक हम हटने को तैयार नहीं हैं.

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Shailendra Kumar
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Rakesh Tikait

राकेश टिकैत( Photo Credit : ANI)

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आंदोलनकारी किसान अपने इस आंदोलन के अंतर्गत गुरुवार को रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan) कर रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसान को सख्‍त शब्‍दों में कहा है कि मांगों को माने जाने तक हम हटने को तैयार नहीं हैं. हरियाणा के खरक पूनिया में राकेश टिकैत ने कहा, सरकार को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि किसान अपनी फसल की कटाई के लिए वापस लौट जाएंगे. यदि इसके लिए जोर दिया गया तो वे अपनी फसल को जला देंगे. किसान नेता टिकैत ने कहा, 'उन्‍हें (आशय सरकार से है) यह नहीं समझना चाहिए कि प्रदर्शन दो महीने में खत्‍म हो जाएगा. हम फसल काटने के साथ विरोध भी करते रहेंगे.

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बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के गुरुवार को रेल रोको आंदोलन का छिटपुट असर देखा गया. इस आंदोलन में बिहार के किसान तो रेल पटरी पर नहीं उतरे लेकिन कुछ राजनीतिक दलों ने रेल पटरियों पर उतरकर कृषि कानूनों पर विरोध जताया. हालांकि पुलिस ने जल्द ही इन आंदोलनकारियों को रेल पटरी से हटा दिया. तीन कृषि कानूनों और बढ़ती पेट्रोल व डीजल की कीमतों के खिलाफ जन अधिकार पार्टी (जाप) कार्यकर्ता पटना के सचिवालय हॉल्ट में पटरी पर पहुंचे और रेल रोकी. जाप के कार्यकर्ताओं ने आरा में भी रेल पटरियों को जाम करने की कोशिश की.

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कृषि कानून के विरोध में मुंगेर में भी वामपंथी दल के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. समस्तीपुर में भी वामपंथी दल के नेता रेल पटरियों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन में शिरकत की. पटना के सचिवालय हॉल्ट पर रेल चक्का जाम करने पहुंचे जाप के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि, पिछले तीन महीनों से लाखों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलनरत हैं, लेकिन मोदी सरकार को कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है. ऊपर से किसानों को आतंकवादी, उग्रवादी और खालिस्तानी कहा जा रहा है.

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केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पप्पू यादव ने कहा कि, पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमत इतनी बढ़ गई है कि आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है. गैस पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया गया. सरकार के गलत फैसलों से जनता त्रस्त है, इसलिए आज हम जनता की आवाज को उठाने के लिए रेल चक्का जाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के किसान जब भी नारा देंगे तब हम उनके साथ रहेंगे.

HIGHLIGHTS

  • किसान संगठनों का 'रेल रोको आंदेालन'
  • पटरियों पर उतरे राजनीतिक दल के कार्यकर्ता.
  • मुंगेर में भी वामपंथी दल के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.

Source : News Nation Bureau

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