कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की दूसरी लहर के बीच आंदोलनरत किसानों को लेकर फिर से आवाजें उठने लगी हैं. कभी ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा के नाम पर तो कभी महापंचायत या धरना स्थल पर कोविड-19 गाइडलाइंस (COVID-19 Guidelines) उल्लंघन को लेकर. इनके बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) हरियाणा के रामायण टोल प्लाजा पर किसानों को संबोधित करने पहुंचे. वहां उन्होंने धमकाने वाले अंदाज में कहा कि कर्फ्यू लगाकर सरकार किसानों के आंदोलन को खत्म करना चाहती है, लेकिन सरकार की चालबाजी को किसान समझ चुके हैं और किसान धरने को मांगें पूरी होने तक खत्म नहीं करेंगे. टिकैत ने कहा कि सरकार पिछले चार दिनों से क्लीन दिल्ली की बात कर रही है, लेकिन सरकार ने किसानों को छेड़ने की कोशिश की तो एक घंटे के अंदर जवाब मिल जाएगा.
अभी भी ऐंठ बरकरार है टिकैत की
बताते हैं कि राकेश टिकैत रामायण टोल प्लाज पर घरने पर बैठे किसानों से मुलाकात करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने किसानों में जोश भरते हुए कहा कि सरकार किसानों के सबसे बडे़ आंदोलन को कुचलने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है. उन्होंने कहा कि किसान पूरी तरह से एकजुट हैं और सरकार के तरकीबों को समझते हैं. उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद करके सरकार बच्चों की शिक्षा को खत्म करना चाहती है. हरियाणा के किसानों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हर समय हरियाणा का किसान सहयोग के लिए तैयार रहता है. जब भी किसानों के लिए लड़ाई लड़ने की देश को जरूरत हुई है हरियाणा के किसान आगे रहे हैं. इसके बाद राकेश टिकैत हांसी में नेता प्रेम मलिक के घर पहुंचे और यहां भी पत्रकारों से बातचीत की. टिकैत ने कहा कि अगर सरकार किसानों को कोरोना टीका लगाना चाहती है तो वह वैक्सीनेशन करे, जिन्हें वैक्सीन लगवानी होगी वह लगवाएंगे.
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सरकार के आमंत्रण पर किसान वार्ता के लिए तैयार
गौरतलब है कि राकेश टिकैत ने इससे पहले कहा था कि यदि सरकार आमंत्रित करती है तो नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान वार्ता के लिए तैयार हैं. बातचीत वहीं से शुरू होगी जहां 22 जनवरी को खत्म हुई थी और मांगों में कोई बदलाव नहीं है. उन्होंने कहा कि वार्ता बहाली के लिए सरकार को प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा को वार्ता का निमंत्रण देना चाहिए. बीकेयू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक की ओर से जारी बयान में टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ वार्ता वहीं से बहाल होगी जहां 22 जनवरी को खत्म हुई थी. मांग भी वहीं हैं कि तीनों काले कानूनों को निरस्त किया जाए, न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाया जाए. टिकैत का बयान कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री से वार्ता बहाली के लिये की गयी अपील के बाद आया है.
HIGHLIGHTS
- कोरोना संक्रमण काल मं आंदोलनरत किसानों पर फिर उठने लगी अंगुलियां
- महापंचायत और धरना-प्रदर्शन स्थल पर कोरोना के फैलने की आशंका
- इस पर टिकैत ने धमकाते हुए कहा कि सरकार को घंटे भर में मिल जाएगा जवाब