गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Agitation) के बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एक बार फिर सरकार से बातचीत करने की मंशा जाहिर की है. बॉर्डर पर सुबह से ही नेताओं के आने का सिलसिला जारी है. ऐसे में टिकैत के सरकार से बातचीत करने की इच्छा इस आंदोलन को एक नया मोड़ दे सकती है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बॉर्डर पर मीडिया से बात कर कहा कि कृषि कानूनों पर हम एक बार फिर भारत सरकार (Modi Government) से बातचीत करेंगे, जो हमारे रास्ते हैं उनपर चर्चा करेंगे. हमने सरकार को संदेश भेज दिया है कि हम भारत सरकार से बातचीत करना चाहते हैं.
We will not vacate the spot. We will talk to the Government of India about our issues. I urge the people to remain peaceful: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union (BKU) spokesperson, at Ghazipur border#FarmLaws pic.twitter.com/Cy8vTUhnMP
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2021
सरकार के जवाब का इंतजार
क्या सरकार द्वारा दिया गया 18 महीने तक कानून को स्थगित करने का प्रस्ताव मांगेंगे? इस पर टिकैत ने जवाब दिया कि नहीं नहीं, हम दोबारा सरकार के साथ बात करेंगे. टिकैत द्वारा दिये गए इस बयान के बाद सरकार की तरफ से क्या जवाब आएगा उसका इंतजार सभी को है. हालांकि गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद से आंदोलन में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है. दरअसल पहले ही सरकार और किसान संगठनों के बीच कृषि कानूनों पर 11 बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बातचीत अब तक बेनतीजा रही है.
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मुजफ्फरनगर की महापंचायत पर नजर
इस बीच सभी की निगाहें मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत पर लगी हैं. किसान आंदोलन का रुख इससे भी तय होगा. फिर भी अब धीरे धीरे फिर से किसानों में एक नया जोश पैदा हो गया है. गुरुवार को गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर 26 जनवरी की घटना के बाद से प्रशासन द्वारा भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया, जिसके बाद से किसानों में डर बैठा और बॉर्डर से धीरे धीरे किसान वापस अपने गांव जाने लगे. गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम तक किसानों की संख्या में कमी देखने को मिली तो शुक्रवार होते ही किसानों की संख्या फिर से बढ़ने लगी.
टिकैत के आंसू ने बदला समां
गुरुवार शाम भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की आंखों में आए आंसू ने आंदोलन को एक नई धार दे दी है. बॉर्डर पर किसानों में इस बात का आक्रोश है कि हमारे नेता की आंखों में आंसू प्रशासन के कारण आए हैं. उनका कहना है कि भले ही जान चली जाए लेकिन अब ये आंदोलन खत्म नहीं होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकैत के मंच के भाषण के बाद से किसानों के अंदर आक्रोश दिखा और जो किसान बॉर्डर से वापस जा रहे थे, वो अचानक वापसी का प्लान बनाने लगे.
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नरेश टिकेत के भी बदले सुर
दूसरी ओर नरेश टिकैत ने भी जहां एक तरफ गुरुवार को नरम रुख दिखाया तो दूसरी ओर गुरुवार शाम तक उनके रुख में एक बड़ा बदलाव दिखा और महापंचायत करने का फैसला ले लिया. गाजियाबाद प्रशासन देर रात तक बॉर्डर पर बना रहा, लेकिन किसानों का रवैया देख, प्रशासन को पीछे हटना पड़ा और बॉर्डर पर तैनात की गई फोर्स को देर रात वापस बुलाना पड़ा. शुक्रवार सुबह बॉर्डर पर पुलिस बल किसानों की संख्या के साथ-साथ फिर से बढ़ने लगा है. ये कहना गलत नहीं होगा कि राकेश टिकैत के स्टेज पर निकले आंसू ने किसानों के दिल मे गहरी जगा बना ली है.
Source : News Nation Bureau