राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के न्यासी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा है कि राम जन्मभूमि न्यास भंग कर दिया जाना चाहिए. मंदिर निर्माण ट्रस्ट बन जाने के बाद इसकी कोई जरूरत नहीं है. दिल्ली में मंगलवार को मीडिया से बातचीत में वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा, "अब सरकार द्वारा ट्रस्ट बनाए जाने के बाद राम जन्मभूमि न्यास की कोई आवश्यकता नहीं है. ट्रस्ट बन जाने के बाद राम मंदिर न्यास ने जितना काम किया है, वो सब ट्रस्ट को सौंप दिया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा, मैं भी न्यासी हूं, इसलिए मंदिर के लिए जमा किए गए सब पत्थर और पैसा ट्रस्ट को दे देंगे. स्वामी वासुदेवानंद के मुताबिक, ट्रस्ट बनाने का काम सरकार का था, तो ट्रस्ट बना दिया. ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को होने जा रही है. यह अनौपचारिक बैठक है, ट्रस्ट में लोगों की कमी की पूर्ति होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "हम चाहेंगे कि मंदिर निर्माण की तिथि तुरंत घोषित की जाए. ट्रस्ट की बैठक में ही निर्णय लिया जाए. मैं चाहता हूं कि हनुमान जयंती तक कोई न कोई मुहूर्त मिल जाए. लेकिन अगर नहीं तो तृतीया तक निकल जाए. हम इस विषय पर ट्रस्ट की बैठक में चर्चा करेंगे."
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उन्होंने कहा कि जिस मॉडल पर पूरे देश ने विश्वास किया, उसी मॉडल पर राम मंदिर का निर्माण हो. भव्यता बढ़ाने के लिए उसका विस्तार हो सकता है. महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल किए जाने के सवाल पर वासुदेवानंद ने कहा, "इस पर ट्रस्ट की बैठक में विचार होगा. लेकिन मेरा मानना है कि नृत्य गोपाल दास जी को ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए. हम लोग चाहते हैं कि मंदिर किसी व्यक्ति विशेष का न हो, मंदिर टाटा का, बिरला का न कहा जाए, इसलिए सबके योगदान के लिए व्यवस्था होगी. हम घर-घर से एक रुपए से 11 रुपये तक लेंगे और ट्रस्ट को देंगे.