अयोध्या में रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।
राम मंदिर के निर्णाम को लेकर विवादित बयान देते हुए वेदांती ने कहा, 'हमें मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के इजाजत की जरूरत नहीं होगी क्योंकि जब मुगलों ने मंदिर तोड़े थे तो उन्होंने किसी से इजाजत नहीं ली थी और जब हमने अयोध्या में मस्जिद गिराया था तो भी कानून हमें नहीं रोक पाया था।'
इतना ही नहीं वेदांती ने यह भी कहा है कि न सिर्फ राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा बल्कि आचार संहिता लागू होने से पहले ही धारा 370 को भी खत्म कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले द्वारका के शंकराचार्य जगदगुरु स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि बीजेपी राम मंदिर बनवाना नहीं चाहती है। बल्कि बीजेपी का उद्देश्य राम मंदिर के नाम पर सत्ता हासिल करना है।
शंकराचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीजेपी राम मंदिर बनवाना नहीं चाहती है। वह आगामी लोकसभा चुनाव में राम मंदिर के नाम पर सत्ता पाना चाहती है।
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उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार राम मंदिर के मुद्दे पर गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गोहत्या रोकने, धारा 370 और समान सिविल कोड जैसे कानून नहीं बना सकी है।
वहीं दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष रहे प्रवीण तोगड़िया ने राम मंदिर के मुद्दे पर कहा था कि जब जीएसटी और तीन तलाक पर कानून बन सकता है तो राममंदिर पर भी संसद में कानून बन सकता है। उन्होंने मॉनसून सत्र के दौरान ऐसा कानून लाने की मांग की थी।
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उन्होंने कहा था कि अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार को अध्यादेश लाना ही होगा। यदि नहीं कर सकते तो हटने के लिए तैयार रहो और अगर कानून बनाते हो तो अगली बार झंडा लेकर हम सरकार बनवाएंगे।
वाराणसी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए तोगड़िया ने मीडिया से कहा था कि बहुत जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी राम मंदिर के पक्ष में आने वाला है। एनआरसी मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मेरा सरकार से यही पूछना है कि देश में 40 लाख बांग्लादेशी हैं तो उनको इतने वर्षों में वापस क्यों नहीं भेजा।
Source : News Nation Bureau