सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर सुनवाई तेज हो गई है. मीडिया में आयीं खबरों के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद ने भी कारसेवकपुरम में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम तेज कर दिया है. राम मंदिर निर्माण के उपयोग में आने वाले पत्थरों को तराशने के लिए राजस्थान से कारीगर बुलाए जाएंगे. विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि, 'यह फैसला अयोध्या विवाद मामले की दिन-प्रतिदिन सुनवाई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लिया गया है.' उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कारीगरों की कम संख्या के चलते कार्यशाला में पत्थरों को तराशने का काम तेजी से नहीं हो पा रहा है.
उन्होंने आगे बताया हालांकि अभी लगभग 10-12 कारीगर नक्काशीदार स्लैबों की साफ-सफाई में लगे हुए हैं. इन स्लैबों पर कई सालों से धूल की परत जमी हुई है. कार्यशाला में रखे गए खंभों को भी साफ करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने आगे बताया कि बाकी बचे पत्थरों को तराशने के लिए जल्दी ही राजस्थान से ज्यादा से ज्यादा कारीगरों को लाया जाएगा ताकि जल्दी से जल्दी यह काम पूरा किया जा सके. शर्मा ने आगे कहा, 'हम पहले ही राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का लगभग 70 फीसदी काम पूरा कर चुके हैं.'
तेजी से हो रही है अयोध्या मामले पर सुनवाई
शरद शर्मा ने आगे बताया है कि, अयोध्या विवाद को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई तेज हो गई है. जब से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तेज हुई है, राम भक्त भी उत्साहित हैं. मंदिर के लिए नक्काशीदार पत्थर की शीट्स और खंभे साफ किए जा रहे हैं. बातचीत जारी है और पत्थरों को तेजी से तराशने का फैसला अयोध्या और अन्य स्थानों के संतों के सुझावों के मुताबिक होगा.' मीडिया में आयीं खबरों के मुताबिक राम जन्मभूमि न्यास, विहिप और अयोध्या संत समाज के सदस्य जल्द ही मिलेंगे ताकि पत्थरों को तराशने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो