अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सूत्रों का कहना है कि अगले साल 2020 से निर्माण शुरू हो जाएगा. इसके लिए शुभ घड़ी (मुहूर्त) देखी जाएगी. इस समय जिस जगह चबूतरे पर रामलला विराजमान हैं, वहीं बनने जा रहे मंदिर का गर्भगृह होगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ट्रस्ट के जरिए अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन महीने के भीतर ट्रस्ट गठित करने को कहा है. अब इस ट्रस्ट में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर सभी की निगाहें टिकीं हैं.
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लगेगा 5 साल का समय
हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि जिस तरह से 1951 में गुजरात में बकायदा धार्मिक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया गया, उसी तरह से राम मंदिर बनाने के लिए भी ट्रस्ट गठित होगा. इस ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे संघ परिवार के संगठनों के लोग शामिल हो सकते हैं. हालांकि भव्य राम मंदिर के निर्माण में अभी 5 साल का समय और लगेगा. इस फैसले का लंबे समय से इंतजार कर रहे विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर का डिजाइन पहले से ही तैयार किया हुआ है.
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विशेषज्ञ शिल्पकारों की देखरेख में होगा निर्माण
राम मंदिर निर्माण की कार्यशाला से जुड़े एक पर्यवेक्षक के मुताबिक, भव्य राम मंदिर के निर्माण में अभी कम से कम 5 साल का समय और लगेगा और इस निर्माण कार्य के लिए 250 विशेषज्ञ शिल्पकारों की जरूरत होगी, जो बिना रुके और बिना थके भगवान राम के पावन मंदिर का निर्माण कर सकें. गौरतलब है कि रजनीकांत सोमपुरा की अगुआई में यहां मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों पर नक्काशी का काम जारी था, लेकिन सोमपुरा का इसी साल जुलाई में निधन हो गया. वीएचपी की इस कार्यशाला में 1990 से ही मंदिर निर्माण से जुड़ा काम चल रहा है.
HIGHLIGHTS
- अगले साल 2020 से निर्माण शुरू हो जाएगा. इसके लिए शुभ घड़ी (मुहूर्त) देखी जाएगी.
- विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर का डिजाइन पहले से ही तैयार किया हुआ है.
- हालांकि भव्य राम मंदिर के निर्माण में अभी 5 साल का समय और लगेगा.