रामनवमी हिंसा फंडिंग मामले में पीएफआई (PFI) सदस्य एम के अशरफ से ईडी रिमांड में पूछताछ की जा रही है. इस फंडिंग के मामले में पीएफआई का रोल सामने आया है. बता दें कि एंटी-सीएए प्रोटेस्ट्स समेत दूसरे मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग और फंडिग के मामले में पिछले दिसंबर में केरल राज्य में कई पीएफआई नेताओं के कार्यालयों और आवासीय परिसरों में भी ईडी ने छापेमारी की थी. उस समय मुवत्तुपुझा में एमके अशरफ के कार्यालय और आवासीय परिसरों पर भी छापा मारा गया था और एजेंसी ने छापेमारी में जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर उन्हें एक प्रश्नावली भेजी थी और पूछताछ के लिए बुलाया था. इसी दौरान रामनवमी (Ram Navami Violence) पर सामप्रदायिक हिंसा करवाने के लिए फंडिंग में अशरफ का लिंक सामने आने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
अशरफ को दिल्ली में ईडी ने पूछताछ के बाद किया था गिरफ्तार
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) मामले में केरल से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Populer Front of India) के नेता एमके अशरफ को गिरफ्तार किया था. अशरफ की गिरफ्तारी दिल्ली से हुई. केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें दो दिन पहले पूछताछ के लिए तलब किया था और बाद में उनकी गिरफ्तारी दर्ज की गई. ईडी ने इससे पहले 9 मार्च को केरल राज्य के एक और पीएफआई नेता बीपी अब्दुल रजाक को गिरफ्तार किया था और ताजा गिरफ्तारी उसके खुलासे के आधार पर हुई है. एजेंसी अधिकारियों का कहना है कि उन पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जाएगा. केंद्रीय एजेंसी ने अभी तक मामले का ब्योरा जारी नहीं किया है.
केरल में ईडी ने की थी छापेमारी
गौरतलब है कि ईडी ने पिछले दिसंबर में राज्य में कई पीएफआई (PFI) नेताओं के कार्यालयों और आवासीय परिसरों में भी छापेमारी की थी. उस समय मुवत्तुपुझा में एमके अशरफ के कार्यालय और आवासीय परिसरों पर भी छापा मारा गया था और एजेंसी ने छापेमारी में जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर उन्हें एक प्रश्नावली भेजी थी. छापेमारी को बाधित करने का भी प्रयास किया गया और केंद्रीय एजेंसी ने बाद में अपना अभियान जारी रखने के लिए और पुलिस कर्मियों को तलब किया.
क्या है पीएफआई
एक कट्टरपंथी संगठन पीएफआई को प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक फ्रंट ऑफ इंडिया (सिमी) की शाखा माना जाता है. जब मुस्लिम धर्मगुरु अब्दुल नासिर मदनी, बैंगलोर और कोयंबटूर विस्फोट मामलों के एक आरोपी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद आरएसएस की तर्ज पर इस्लामिक सेवा संघ की स्थापना की, तो कई लोग इसमें शामिल हो गए. बाद में जब मदनी कोयंबटूर विस्फोटों के सिलसिले में जेल में थे, तो इन नेताओं ने राष्ट्रीय विकास मोर्चा (एनडीएफ) का गठन किया. 2006 में यह तमिलनाडु की मनिथा नीति पासराई और कर्नाटक स्थित संगठन फोरम फॉर डिग्निटी के साथ विलय कर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) बना. अब पीएफआई का दावा है कि 22 राज्यों में उसकी इकाइयां हैं. इसके अधिकांश फ्रंटलाइन नेता केरल से हैं.
HIGHLIGHTS
- राम नवमी हिंसा मामले में पीएफआई नेता से पूछताछ
- हिंसा में फंडिंग को लेकर अशरफ से पूछताछ
- ईडी ने पूछताछ के बाद दिल्ली में किया था गिरफ्तार
Source : News Nation Bureau