धर्म नगरी अयोध्या श्री राम के आगमन के लिए तैयार है... संपूर्ण भारत इस वक्त श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के इंतजार में है. समस्त देशवासियों की आंखें प्रभु की एक झलक पाने को लालायित हैं. इस अलौकिक आध्यात्मिक वातावरण के बीच हर गली-कसबे में राम नाम गूंजने का दिव्य अनुभव महसूस किया जा सकता है. ये अनुभव श्रद्धा और प्रेम का एकाकार है, जो सारे बाहरी भेद मिटा कर आत्मा को परमात्मा के करीब.. बहुत करीब ले जाता है. ऐसे में आज हम आपसे एक ऐसे ही बेहद खास समुदाय से भेंट करवाने जा रहे हैं, जो प्रभु श्री राम को केवल परमेश्वर नहीं, बल्कि प्रेमी की तरह पूजता है... इस विशेष संप्रदाय के पुरुष स्वयं को श्रीराम की प्रेमिका मानते हैं...
सिर पर पल्लू.. हाथों में थाल और मुंह में राम का नाम.. दुनिया के समक्ष स्वयं को भगवान राम की प्रेमिका बताने वाले इस खास समुदाय के पुरुषों की यही पहचान है. श्रीराम से प्रेम करने वाले इस प्रेमी संप्रदाय को 'राम रसिक' नाम से जाना जाता है, जो अयोध्या स्थित कनक भवन में अवध बिहारी की आराधना करते हैं.
अराध्य की आराधना का अनोखा तरीका...
जानकार बताते हैं कि, राम रसिक संप्रदाय ने भगवान से अपना विशेष और बेहद खूबसूरत रिश्ता जोड़ रखा है, वो राम को प्रेम और सौंदर्य के प्रतीक के तौर पर देखते हैं. इस संप्रदाय द्वारा अपने अराध्य की आराधना करने का तरीका भी बेहद भिन्न है.
क्योंकि, यहां पुरुष स्त्री भाव से भगवान की उपासना करते हैं. वे प्रभु राम को अपना जीजा और स्वयं को उनकी साली मानते हैं. जब कभी ये विशेष समुदाय के पुरुष भगवान की आरती में लीन रहते हैं, तो वे अपने सिर पर बिल्कुल स्त्री की तरह पल्लू डालते हैं.
ऐसे में प्रभु को पूजने और उनसे इस कदर प्रेम करने की ये स्थिति बेहद अलौकिक है. इसमें स्त्री-पुरुष का भेद नहीं, बल्कि सारे बाहरी भेद मिटाकर आत्मा और परमात्मा की मौजूदगी में सिर्फ और सिर्फ प्रेम का भाव है...
Source : News Nation Bureau