अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग हिंदू जल्द से जल्द कर रहे हैं. इस बीच खबर आ रही है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अप्रैल 2020 में शुरू होगी. वहीं 2022 में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. एएनआई सूत्रों के हवाले से यह खबर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को यह निर्देश भी दिया कि वो 3 महीने के अंदर योजना बनाए और मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन करे. सोमनाथ ट्रस्ट में 6 मेंबर थे, जबकि सूत्रों की मानें तो अयोध्या मंदिर बनाने वाले ट्रस्ट में 14-17 सदस्य पैनल में हो सकते हैं. इसके साथ ही इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि नया ट्रस्ट बनाया जाए या फिर पुराने रामजन्मभूमि न्यास में ही नए सदस्य शामिल कर लिए जाए.
एएनआई सूत्रों के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल भी राम मंदिर ट्रस्ट का हिस्सा हो सकते हैं, हालांकि सदस्यों को लेकर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय ही करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी फैसला लेंगे कि ट्रस्ट का मेंबर कौन-कौन होंगे.
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सूत्रों के मुताबिक मंदिर का ट्रस्ट सांस्कृतिक मंत्रालय के तहत रजिस्टर होगा. यह मंत्रालय राम मंदिर बनने की हर गतिविधियों पर नजर रखेगी. वीएचपी का मानना है कि राम मंदिर का निर्माण सरकारी पैसे के बजाए जनता के चंदे से होना चाहिए.
वीएचपी के मुताबिक मंदिर बनाने के दौरान चिंता की स्थिति जमीन को लेकर हो सकती है. हमारे पर 67 एकड़ जमीन है. मंदिर निर्माण के लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत होगी. अगर जरूरत पड़ी तो 33 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.
अयोध्या जमीन अधिग्रहण एक्ट 1993 के तहत ट्रस्ट का गठन होगा .इसी कानून के तहत केंद्र सरकार ने विवादित स्थल के इर्द-गिर्द की 67.7 एकड़ जमीन अधिगृहीत की थी. माना जा रहा है कि कुछ शर्तों के साथ इसी कानून से यह जमीन ट्रस्ट को सौंपी देगी.
जहां तक मस्जिद बनाने के लिए जमीन की बात है तो वीएचीप ने कहा कि कैंपस के अंदर जमीन उन्हें नहीं दी जाएगी. हमें मंदिर बनाने के लिए खुद 33 एकड़ अतिरिक्त जमीन की जरूत पड़ेगी. इसलिए संभव ही नहीं कि 5 एकड़ जमीन सरकार मुस्लिम पक्ष को दे.
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केंद्र सरकार मुस्लिम पक्ष को जमीन देने में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. राज्य सरकार मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी.
सूत्र ने आगे कहा कि सरकार हनुमान गढ़ी को उपरिकेंद्र मानते हुए अयोध्या को फिर से डिजाइन करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. केंद्र स्मार्ट सिटी की सुविधाओं के साथ अयोध्या के 388 किमी वर्ग के एक मास्टरप्लान की भी तैयारी कर रहा है, जिसमें बाहरी रिंग रोड, पार्क ट्रीटमेंट प्लांट, बसस्टैंड रेलवे, एयरपोर्ट और शहर में अन्य सुविधाएं होंगी.