अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन और आधारशिला कार्यक्रमों के दूरदर्शन पर सीधे प्रसारण के खिलाफ सीपीआई (CPI) ने मोर्चा खोल दिया है. CPI ने केंद्र सरकार को खत लिखकर इस लाइव प्रसारण को रोकने की मांग की है. विनय विश्वम ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर कहा है कि अयोध्या में आयोजित हो रहे धार्मिक कार्यक्रम का दूरदर्शन जैसे मंच पर सीधा प्रसारण करना राष्ट्रीय अखंडता के तय मानदंडों के खिलाफ है.
सीपीआई नेता विनय विश्वम ने बाबरी ढांचा गिराए जाने की दलील देते हुए कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने और उसके बाद दशकों तक राम जन्मभूमि को लेकर अयोध्या में लगने वाले जमावड़ों के चलते देश में संघर्ष और मतभेद रहा है. जिस प्रसार भारती एक्ट से दूरदर्शन संचालित होता है, उसके सेक्शन 12 2(ए) में स्पष्ट है कि इसका उद्देश्य 'संविधान में निहित मूल्यों के मुताबिक देश की एकता और अखंडता को कायम रखना है.'
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पत्र में लेफ्ट ने यह भी लिखा है कि देश के एक नेशनल ब्रॉडकास्टर के रूप में जो धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सद्भाव के सिद्धांतों पर स्थापित है, 5 अगस्त को अयोध्या में धार्मिक कार्यक्रम के लिए दूरदर्शन का इस्तेमाल राष्ट्रीय एकता के स्वीकार्य मानदंडों के विपरीत है.
वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य कामेश्वर चौपाल ने सीपीआई का पलटवार करते हुए कहा कि लेफ्ट देश में अपनी राजनीतिक जमीन खो चुका है. चीन के उनके नेताओं को भी भारत में अपनी दुकानें बंद करनी पड़ रही हैं. जब किसी के पास कुछ नहीं होता है तो वो इसी तरह के बेकार की मांग करते हैं.
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इधर, सांसद असदुद्दीन ओवैसी (MP Asaduddin Owaisi) ने पीएम नरेंद्र मोदी पर वार करते हुए उनके अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन में शामिल होने का विरोध किया है. AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने कहा कि बतौर प्रधानमंत्री राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में पीएम का शामिल होना संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा है.
Source : News Nation Bureau