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राम मंदिर विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या किसी और देश में ईश के जन्मस्थान को लेकर सवाल उठा है

जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि क्या जीसस बेथलम में पैदा हुए थे, के. परासरन ने जवाब दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है

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Sushil Kumar
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राम मंदिर विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या किसी और देश में ईश के जन्मस्थान को लेकर सवाल उठा है

Supreme court asked question about the birthplace of Ish

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अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन की दलीलों के बाद रामलला की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल के. परासरन ने दलीलें रखीं. सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े से पूछा है कि क्या उनके पास विवादित जमीन के सरकारी नियंत्रण में दिये जाने से पहले अपने दावे को साबित करने राजस्व रिकॉर्ड या मौखिक सबूत है. कोर्ट ने कहा चूंकि अखाड़े ने ज़मीन पर कब्जा रहने का दावा किया है. उन्हें ये साबित भी करना होगा. अगर आप कोई रेवेन्यू रिकॉर्ड पेश करते हैं तो ये आपके पक्ष में अहम सबूत साबित होगा.

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निर्मोही अखाड़े ने असमर्थता जाहिर करते हुए कहा कि 1982 में एक डकैती में कई दस्तावेज गायब हुए. अखाड़े ने निचली अदालत के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कैसे उसके दावों को अदालत में डील कराये. इस पर कोर्ट ने निर्मोही के वकील को दस्तावेज जुटाने के लिए और समय दिया. इसके बाद रामलला के वकील को सुनना शुरू किया. रामलला विराजमान की तरफ वरिष्ठ वकील के. परासरन ने बहस शुरू की. कोर्ट ने 92 साल के. परासरन से कहा आप चाहें तो बैठकर अपनी दलील रख सकते हैं. परासरन ने विनम्रता से कहा परंपरा इसकी इजाजत नहीं देती. मैं खड़े होकर ही अपनी बात रखूंगा.

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निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन ने कोर्ट को ये आश्वस्त करने की कोशिश की कि विवादित ज़मीन पर नियंत्रण को लेकर दायर उनका मुकदमा नियमों के मुताबिक सिविल सूट दायर करने की समयसीमा का उल्लंघन नहीं करता. उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट ने सेक्शन 145 के तहत ज़मीन को कब्ज़े में लिया. केवल मजिस्ट्रेट के फाइनल आदेश के बाद ही लिमिटेशन पीरियड शुरू होता है. चूकि मजिस्ट्रेट का कोई अंतिम आदेश नहीं आया था. लिहाजा उनके मामले में लिमिटेशन पीरियड का उल्लंघन नहीं बनता.

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रामलला की ओर से के. परासरन ने कहा कि करोड़ो लोगों की आस्था है कि ये ही वो जगह है, जहां श्रीराम ने जन्म लिया था और उनका यहां मंदिर है. ये अपने आप में सबूत हैं कि ये जगह श्री राम की जन्मस्थली है. जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि क्या जिस तरह श्री राम जन्मभूमि का विवाद सुप्रीम कोर्ट आया है, किसी और देश में ईश के जन्मस्थान को लेकर सवाल उठा है. मसलन क्या जीसस बेथलम में पैदा हुए, ऐसा कोई सवाल उठा? के. परासरन ने जवाब दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. इसका पता करना होगा.

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वहीं अयोध्या मामले में कल भी रामलला की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल के. परासरन दलीलें जारी रखेंगे. आज सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई का दूसरा दिन था. आज निर्मोही अखाड़ा की ओर वकील सुशील जैन ने करीब 3 घन्टे और बाद में के. परासरन की ओर से करीब डेढ़ घन्टे दलीलें रखी गई.

HIGHLIGHTS

  • अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.
  • निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन ने दलीलें दीं
  • रामलला की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल के. परासरन ने दलीलें रखीं.
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