संसद में राहुल गांधी द्वारा हिंदू को लेकर दिए गए विवादित बयान पर चित्रकूट के जगद्गुरु रामभद्राचार्य महराज ने राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का कहना है कि राहुल गांधी विक्षिप्त हो गए हैं. उन्हें भारतीय संस्कृति का एक अक्षर भी नहीं आता, हिंदू कभी हिंसक नहीं होता है, ना कभी हिंदू हिंसक हुआ है. हिंदू शब्द का अर्थ होता है हि माने हिंसा दू माने नष्ट करना, मतलब हिंसा को नष्ट करना. कहां से हम हिंसक हो गए हिंसक यह लोग हैं.
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आज तक बड़े-बड़े महापुरुषों, महाविभूतियों की हिंसा इन लोगों और इनके दल ने करवाई, श्यामा प्रसाद मुखर्जी से लेकर अब तक निजी इनके पार्टी में रहने वाले ललित नारायण मिश्रा ने सोच समझकर हिंसा करवाई, लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु में भी इन्हीं के परिवार का हाथ है. हिंसा तो यह लोग करते हैं हम नहीं. हमने तो राम जी का मंदिर बनाकर जगत का उपकार किया.
कॉमनवेल्थ गेम से लेकर घोटालों का अंबार लग गया
बंगाल में जो हो रहा है क्या वह हिंसा नहीं है. 1990 में जो निहत्ते राम भक्तों पर गोलियां चलाई गईं, वह हिंसा नहीं थी क्या? उन्हीं के बेटे के साथ आज इन्होंने गठबंधन करके इतनी सीट लाने का ढोंग किया है. कॉमनवेल्थ गेम से लेकर घोटालों का अंबार लग गया, यह भाई मुद्रा नहीं है, भ्रष्टाचारियों का हाथ है . भ्रष्टाचार का हाथ है सदाचार का हाथ है, अत्याचार का हाथ है. यह बिल्ली का पंजा है, यह मुद्रा हो ही नहीं सकती. अभय मुद्रा का स्वयं इनको ज्ञान नहीं है. आज हिंदुओं को गाली दे रहे हैं यही राहुल कहते थे मैं ब्राह्मण हूं जनेऊ पहनता हूं. एक ओर गाली दे रहे हो दूसरी तरफ जनेऊ पहन रहे हो. क्यों जनता को गुमराह कर रहे हो? एक पथ पर रहो, इनके दादी के पिता स्वयं कहते थे कि मैं दुर्भाग्य से हिंदू हूं, कोई बात नहीं उन्होंने फिर पारसी से विवाह किया, यह फिरोज गांधी के पोते हैं यह स्वयं हिंदू नहीं है. हिंदुस्तान की जनता इस अपमान का बदला राहुल से लेगी.
Source : News Nation Bureau