दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प ने राजनीतिक रूप ले लिया है। 21 फरवरी को शुरू हुआ यह विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। छात्रों से शुरू हुए इस विवाद पर नेताओं ने राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम शुरू कर दिया है।
यह कोई पहला मुद्दा नहीं है, जिस पर राजनीतिक दलों ने अपना हस्तक्षेप किया हो। इससे पहले भी जेनयू पिछले साल फरवरी में छात्रों के बीच हुई झड़प पर भी कई राजनीतिक दल अपनी राजनीति करने में कामयाब हुए थे।
रामजस कॉलेज में लगी इस आग की चिंगारी 'प्रतिशोध की संस्कृति' विषय पर विमर्श के लिए उमर खालिद के चयन से शुरू हुई, जिसका डीयू के छात्रों ने इसका पुरजोर विरोध किया और वहीं से एक ओर विवाद का जन्म हुआ।
इसके बाद बीजेपी की स्टूडेंट विंग एबीवीपी ने इसका विरोध शुरू किया और मामले ने तूल पकड़ लिया। विरोध के दौरान छात्रों के बीच धक्का-मुक्की हुई छात्र आक्रामक हुए। छात्रों की आक्रामकता अराजकता में बदल गई, इस दौरान कई छात्र और शिक्षक घायल हुए।
जब इन संगठनों का विरोध दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्र गुरमेहर कौर ने किया, तो उसे सामूहिक रेप की धमकी दे दी गई। कुछ दल के नेता गुरमेहर के पक्ष में खड़े दिखाई दिए, तो वहीं कुछ दल के नेताओं ने इसका विरोध किया।
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी गुरमेहर कौर को लेकर कहा, 'इस नौजवान लड़की के दिमाग़ में गंदगी कौन भर रहा है? एक मज़बूत सशस्त्र बल युद्ध को रोकता है। भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, लेकिन भारत जब भी कमज़ोर था तब हमले हुए।'
हद तो तब हो गई जब बीजेपी के मैसूर से सासंद प्रताप सिम्हा ने AVBP का विरोध कर रही कारगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर की तुलना दाऊद इब्राहिम से की है। प्रताप सिम्हा ने शंखनाद की बनाई तस्वीर को ट्वीट करके गुरमेहर कौर की तुलना दाऊद से की है।
गुरमेहर के मुद्दे पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, 'किसी भी डर की स्थिति में हम हमारे छात्रों के साथ खड़े हैं। आक्रोश और असहिष्णुता के खिलाफ उठने वाली हर आवाज में एक गुरमेहर कौर होगी।'
गुरमेहर के पक्ष में वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा शामिल हुए। इस दौरान कन्हैया कुमार और शेहला रशिद भी शामिल हुए।
गुरमेहर ने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि उन्हें एबीवीपी से डर नहीं और देश के सारे छात्र उनके साथ हैं। इस संदेश के बाद उसे धमकियां मिलने लगी। सामुहिक रेप की धमकी दी गई।
हर बार की तरह इस बार भी मामले को नया मोड़ दिया गया और देश भक्ती बनाम देश द्रोह से जोड़ने की कोशिश की गई। कुछ हद तक राजनीतिक दल इस मामले में सफल भी हुए। तिरंगा मार्च और देश भक्ति के नारों से माहौल को गर्मा दिया गया।
गुरमेहर को विरोध करना इतना भारी पड़ गया कि उसे रेप की धमकी मिली। मामला महिला आयोग तक पहुंची और एफआईआर दर्ज किया गया। सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है।
Source : Abhiranjan Kumar