यस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक राणा कपूर (Rana kapoor) को मुंबई की एक अदालत ने 11 दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया है, लेकिन एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सीईओ और उनके परिवार के सदस्यों ने कथिततौर पर रिश्वत लेने के लिए 20 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई थीं. ईडी के अधिकारियों ने रविवार को राणा कपूर को गिरफ्तार किया. इससे पहले दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) से जुड़े धन शोधन के मामले में चल रही जांच के सिलसिले में उनसे 30 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई.
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, कपूर और उनकी पत्नी बिंदु और तीन पुत्रियों समेत उनके परिवार के सदस्यों ने कथिततौर पर रिश्वत लेने के लिए 20 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई थीं. उन्होंने बताया कि रिश्वत में लिए गए पैसे का इस्तेमाल जायदाद में निवेश करने में किया गया. अधिकारियों का दावा है कि कथिततौर पर फर्जी कंपनियों के जरिए उन कॉरपोरेट कंपनियों से रिश्वत लिए गए जिनको बैंक से कर्ज दिया गया था.
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राणा पर दर्ज किया गया धन शोधन का मामला
यस बैंक का संकट उजागर होने के बाद कपूर के खिलाफ धन शोधन निवारण कानून (PMLA) और अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया. बतौर सह-संस्थापक कपूर ने 2003-2004 में यस बैंक की स्थापना की और बाद में वह बैंक के एमडी व सीईओ बन गए, लेकिन उनको सितंबर 2018 में बैंक छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था. जांच के सिलसिले में ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार की रात मुंबई के वर्ली स्थित कपूर के निवास समुद्र महल की तलाशी ली.
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राणा की बेटियों ने ली 4450 करोड़ की रिश्वत
ईडी ने शनिवार को कपूर की तीन पुत्रियों के मुंबई और नई दिल्ली स्थित आवासों की तलाशी ली. ईडी को संदेह है कि कपूर और डूइट अर्बन वेंचर्स की निदेशक उनकी दो पुत्रियों ने कथिततौर पर डीएचएफएल से रिश्वत ली थी. रिश्वत की यह राशि 4,450 करोड़ रुपये डीएचएलएल द्वारा 80 फर्जी कंपनियों के जरिए की गई 13,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का हिस्सा है. इन फर्जी कंपनियों में डूइट अर्बन वेंचर्स भी शामिल हैं.
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राणा कपूर को ईडी की हिरासत में भेजा गया
वहीं, धन शोधन मामले में गिरफ्तार यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को मुंबई की एक अदालत ने रविवार को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया. अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने निजी बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कपूर (62) को धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत रविवार तड़के करीब तीन बजे गिरफ्तार किया क्योंकि वह कथित तौर पर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. कपूर को निजी बैंक के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितता और कुप्रबंधन के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था और भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार ने इसके कामकाज को नियंत्रित करने के लिये कदम उठाए हैं.