Advertisment

रैनसमवेयर वॉनाक्राई ग्लोबल साइबर अटैक पर क्या है भारत का रुख़? क्या है यह और कैसे बचें?

आख़िरकार क्या है रैनसमवेयर साइबर अटैक और कैसे बचें इस ख़तरनाक वायरस से जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है।

author-image
Shivani Bansal
एडिट
New Update
रैनसमवेयर वॉनाक्राई ग्लोबल साइबर अटैक पर क्या है भारत का रुख़? क्या है यह और कैसे बचें?

Ransomware WannaCry साइबर अटैक (फाइल फोटो)

Advertisment

बीते शुक्रवार दुनिया के 150 देशों में रैनसमवेयर वॉनाक्राइ (Ransomware Wanna Cry) साइबर अटैक हुआ। इसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया।

जानकारों की मानें तो भारत भी इससे अछूता नहीं है और इस साइबर अटैक का शिकार बनने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बना है। ऐसे में मन में सवाल उठ रहे हैं कि आख़िरकार क्या है रैनसमवेयर साइबर अटैक और कैसे बचें इस ख़तरनाक वायरस से जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है।

क्या है रैनसेमवेयर?

दरअसल यह एक तरह का वायरस है। यह वायरस आपके सिस्टम को लॉक कर देता है (एनक्रिप्ट) और कंप्यूटर अनलॉक करने के लिए फिरौती मांगता है। यह आपकी फाइल्स को एनक्रिप्ट कर देता है। यानि की आपकी फाइल्स लॉक हो जाती है और आप इन्हें पढ़ नहीं पाएंगे।

इन्हें पढ़ने के लिए एनक्रिप्शन डिकोड करना होता है और इसे करने के लिए यह आपसे पैसे की मांग करता है। रैनसमवेयर साइबर अटैक बिटकॉन में भुगतान मांगता है।

रैनसमवेयर वॉनाक्राई: भारत बना तीसरा सबसे बड़ा शिकार

नया नहीं है यह साइबर अटैक

हालांकि पहले भी रैनसमवेयर अटैक हो चुके हैं। इसके ज़रिए साइबर अटैक करने के लिए पहले हैकर्स दूसरे देश में एकाउंट बनाते थे और हैक कंप्यूटर को खोलने की कीमत उस एकाउंट में जमा करने के बाद ही कंप्यूटर अनलॉक करते थे लेकिन अब हैकर्स भुगतान बिटकॉइन में मांगने लगे हैं।

रैनसमवेयर वानाक्राइ मामला?

दुनिया के 150 देशों में लाखों कंप्यूटरों को हैक कर लिया गया। यह माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। वानाक्राई रैनसमवेयर ने इसे अटैक किया था। 1 दिन में लाखों कंप्यूटर लॉक कर दिए गए।

300 डॉलर की फिरौती मांगी, 3 दिन में जमा करने थे नहीं तो 3 दिन बाद रकम 600 डॉलर कर दी गई। यह रकम बिटकॉइन में चुकानी थी। ब्रिटिश एनएचएस सबसे बड़ा शिकार बना। एनएचएस नेशनल हेल्थ सिस्टम है जो बीमार लोगों के इलाज के ट्रीटमेंट के लिए काम करता है। 

इसके अलावा इंटरनेशनल शिपर फैड एक्स और आंध्र प्रदेश पुलिस के सिस्टम भी हैक कर लिए गए। इस हैकिंग का शिकार माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम हुए थे।

रैंनसम साइबर अटैक का भारत पर खास असर नहीं: रवि शंकर प्रसाद

रैनसमवेयर कैसे करता है अटैक?

यह माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ की किसी कमज़ोरी को पकड़कर उसे अपना शिकार बनाता है। इसीलिए जो पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रहे हैं या फिर जिन्होंने अपना ओएस में नए अपडेट्स नहीं कराएं हैं उन्हें यह अपना शिकार बनाता है।

NSA और रैनसेमवेयर वॉनाक्राइ?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जब अमेरिका में बराक ओबामा कार्यकाल के दौरान एनएसए पर जब जासूसी के आरोप लगे थे तभी से इसकी शुरुआत हुई है। आरोप है कि अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ओबामा कार्यकाल में अमेरिकी नागरिकों और दुनिया के नेताओं की जासूसी करता था।

उस समय बढ़ते इस्लामिक आतंकी ख़तरों को देखते हुए एनएसए ने यह जासूसी की थी। माना जा रहा है कि इसी समय एनएसए ने माइक्रोसॉफ्ट के ओएस की कुछ कमज़ोरियों को पकड़ा और इन्हें कंपनी को बताने की बजाए अपने पास स्टोर कर कर रख लिया।

इन्हीं फाइल्स के एनएसए ऑफिस से लीक होने के बाद हैकर्स ने इसका इस्तेमाल किया और रैनसमवेयर वानाक्राइ वायरस बनाया। इसीलिए यह माइक्रोसॉफ्ट के सिस्टम्स को अपना निशाना बना रहा है।

रैंसमवेयर सायबर हमला: गृहमंत्रालय ने जारी किया अलर्ट, एटीम बंद रखने के आदेश

कैसे होता है अटैक?

रैनसमवेयर जब अटैक करता है तो एक मैसेज स्क्रीन पर आता है जिसमें लिखा होता है कि आपकी फाइलें एनक्रिप्ट कर दी गई हैं। अपनी फाइल्स दोबारा पाने के लिए इतने बिटकॉइन्स का भुगतान करें। इस मैसेज में भुगतान का समय दिया होता है और काउंटडाउन चल रहा होता है।

अगर तय समय में भुगतान नहीं किया जाता तो समय की सीमा थोड़ी बढ़ा दी जाती है लेकिन साथ ही रकम भी दोगुनी कर दी जाती है। अगर इस बार भी रकम का भुगतान नहीं किया जाता तो फाइल्स डिलिट कर दी जाती है।

भारत का क्या है रुख?

हालांकि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत पर इसका खास असर नहीं पड़ा है और न ही कोई नुकसान हुआ है। बावजूद इसके कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) ने भारत में रेड अलर्ट जारी किया है और यूज़र्स को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए आगाह किया है।

माइक्रोसॉफ्ट ने 'रैनसमवेयर' साइबर हमले को बताया चेतावनी

क्या है ख़तरें?

1- टेरर फाइनेंसिग: इससे आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने का डर है। आतंकवादी हैकर्स को हायर कर ऐसे अटैक करा सकते हैं जिसका मकसद पैसा उगाही कर आतंक फैलाना संभव हो सके।

2- राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा: रैनसमवेयर सिक्योरिटी थ्रेट पैदा कर सकता है। जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था ख़तरे में पड़ सकती है।

3- 'डिजिटल इंडिया' और 'कैशलेस इंडिया' मुहिम को झटका: केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाएं कैशलेस इंडिया और डिजिटल मूमेंट के लिए यह एक बड़ा ख़तरा है। नोटबंदी के बाद सरकार की कोशिश भारत को कैशलेस बनाने की है लेकिन ऐसे में बढ़ते साइबर अटैक सरकार की इन कोशिशों को झटका लगा सकता है।

4- वित्तीय संकट: इन अटैक्स के चलते बैंकों को भी निशाना बनाया जा सकता है। ऐसे में देश की फाइनेंशियल व्यवस्था चरमरा सकती है।

सायबर अटैक की चपेट में मुंबई पुलिस, रैंसमवेयर हमले के मद्देनजर भारत के सभी एजेंसियों को किया गया अलर्ट

क्या हैं रास्ते?

1- ऐसे ख़तरों से बचने के लिए देश को ज़रुरत है एक नेशनल एनक्रिप्शन पॉलिसी की। नेशनल एनक्रिप्शन पॉलिसी का अभाव है और इस पर काम करने की ज़रुरत है।

2- डिजिटल इस्तेमाल के साथ ही लोगों को साइबर सिक्योरिटी के प्रति जागरुक करने की भी ज़रुरत है। साइबर ख़तरों और बचाव के बारे में जागरुकता फैलाना बेहद ज़रुरी है।

सायबर सिक्योरिटी पर बड़ा हमला, हैकर्स ने 74 देशों के सिस्टम में लगाई सेंध, मांग रहे फिरौती

कैसे बचें रैनसमवेयर वॉनाक्राई से?

1- कंप्यूटर का सर्वर और मैसेज ब्लॉक करें 

2- माइक्रोसॉफ्ट का लेटेस्ट पैच इनस्टॉल करें

3- डेटा ऑफलाइन हार्टवेयर में स्टोर कर लें

4- विंडो अपडेट्स इनस्टॉल करें

5- अच्छा विश्वसनीय सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करें

यह भी पढ़ें: रजनीकांत अपने से 36 साल छोटी हुमा कुरैशी के साथ इस फिल्म में फरमाएंगे इश्क

IPL से जुड़ी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

Source : Shivani Bansal

Cyber Attack Ransomware
Advertisment
Advertisment