सनसनीखेज मैसूर सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़िता ने आखिरकार मैसूर में मजिस्ट्रेट के समक्ष घटना के संबंध में अपना बयान दर्ज कराया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विपक्षी नेता सिद्धारमैया को सामूहिक बलात्कार की घटना पर एक सवाल का जवाब देते हुए विधानसभा के पटल पर यह खुलासा किया।
उन्होंने कहा, कर्नाटक पुलिस ने मैसूर सामूहिक बलात्कार के मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। पीड़िता ने बुधवार को अपना बयान दर्ज कराया। पुलिस लगातार उसके माता-पिता के संपर्क में रही और उन्हें बयान दर्ज करने के लिए राजी किया गया।
पीड़िता ने शुरू में पुलिस से बात नहीं की। उन्होंने पीड़िता को मैसूर से उनके पैतृक जगह भेज दिया। उन्होंने कहा, आज वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए आगे आई हैं। सरकार इस बात का ध्यान रखेगी कि आरोपियों को सजा मिले।
पुलिस ने बताया कि मैसूर सामूहिक बलात्कार मामले की जांच में अब तेजी लाई जाएगी, जिसमें पीड़िता के असहयोग के कारण रास्ते बंद हो गए थे। घटना 24 अगस्त की है। पीड़िता अपने पुरुष मित्र के साथ चामुंडी पहाड़ी के पास सुनसान जगह पर गई थी, जहां यह घटना हुई।
7 बदमाशों ने उस पर हमला किया, महिला का यौन शोषण किया और उनसे 3 लाख रुपये की फिरौती मांगी। बाद में पीड़ितों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने इस सिलसिले में तमिलनाडु से 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले, सिद्धारमैया ने मामले को लापरवाही से लेने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा विशेषकर गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र पर हमला बोला। उन्होंने पुलिस पर घटना के 15 घंटे बाद मामला दर्ज करने का भी आरोप लगाया।
सिद्धारमैया ने कहा कि पीड़िता को चोटें आईं और उसका टेस्ट करने वाले स्त्री रोग विशेषज्ञ ने निजी अंगों में रक्तस्राव देखा और उसने अपना बयान दर्ज किया। इसके बाद भी पुलिस पीड़िता के पुरुष मित्र के बयान का इंतजार कर रही थी, ताकि मामला दर्ज किया जा सके।
बोम्मई ने काउंटर करते हुए कहा कि मामला दर्ज करने में कोई असाधारण देरी नहीं हुई है। 2013 में मणिपाल में एक स्नातक के बलात्कार के मामले में, बहुत लंबे समय तक कोई प्राथमिकी और बयान नहीं था।
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Source : IANS