कांग्रेस में अदरूनी कलह रुकने का नाम नहीं ले रही है. अब वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भी राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा दिए हैं. अल्वी ने प्रियंका गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की वकालत की है. गुलाम नबी आजाद के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद राशिद अल्वी ने राहुल गांधी को घेरा. राशिद अल्वी ने कहा कि अब वक्त आ चुका है कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बना देना चाहिए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते हैं इसलिए प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए. आज के मौजूदा वक्त में भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी से अगर कोई सामना कर सकता है तो सिर्फ उसे प्रियंका गांधी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मेरी इस राय से पार्टी के लोग अगर नाराज होते हैं तो हो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
यह भी पढ़ेंः तापसी पन्नू और अनुराग कश्यप के घर इनकम टैक्स का छापा
प्रियंका गांधी से बेहतर कोई और नहीं
राशिद अल्वी ने कहा कि प्रियंका गांधी से बेहतर कांग्रेस का कोई और अध्यक्ष नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि यह बात में प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए नहीं कह रहा हूं बल्कि पार्टी के हित में बात कर रहा हूं. ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. इससे पहले गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा जैसे नेता भी पार्टी के नेतृत्व और फैसलों को लेकर सवाल उठा चुके हैं.
यह भी पढ़ेंः 'सरकार की राय से अलग बोलना देशद्रोह नहीं', फारूक अब्दुल्ला केस में SC का बड़ा फैसला
आनंद शर्मा ने आईएसएफ गठबंधन को लेकर उठाए सवाल
पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बंगाल में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबधन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ 'जंग' में कांग्रेस 'सिलेक्टिव' नहीं हो सकती. पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी की वाम दलों और आईएसएफ (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) के साथ रैली के विजुअल्स के संदर्भ में यह बात कही. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ' ISF और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है. इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी.'
Source : News Nation Bureau