राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) के आवास पर मंगलवार को राष्ट्र मंच (Rashtra Manch) की बैठक आयोजित की गयी. ये मीटिंग उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास 6 जनपथ पर हुई. करीब ढाई घंटे तक चलने के बाद ये मीटिंग खत्म हो गई है. हालांकि, इस मीटिंग में कोई भी कद्दावर नेता नजर नहीं आया. कांग्रेस की ओर से भी कोई बड़ा नेता इस मीटिंग में नहीं पहुंचा. मीटिंग खत्म होने के बाद एनसीपी सांसद माजिद मेमन ने कहा कि ये बैठक शरद पवार ने नहीं, बल्कि यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी.
इस बैठक के एक दिन पहले सोमवार को प्रशांत किशोर और शरद पवार की मुलाकात के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि पवार देश में तीसरे मोर्चे को तैयार करने की कवायद तेज करते हुए यह बैठक कर रहे हैं. मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 2018 में यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रमंच का गठन किया था. सिन्हा अब टीएमसी के उपाध्यक्ष हैं. इस मीटिंग में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मीटिंग में तो पहुंचे थे, लेकिन थोड़ी ही देर में वहां से निकल भी गए.
इस मीटिंग में शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा, एनसीपी के राज्यसभा सांसद माजिद मेमन, सीपीआई नेता बिनय विश्वम, सीपीएम नेता निलोत्पल बासु, टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा, एनसीपी से राज्यसभा सांसद वंदन चव्हाण मौजूद रहे. इनके अलावा पूर्व राजदूत केसी सिंह, समाजवादी पार्टी की ओर से घनश्याम तिवारी, पूर्व सांसद जयंत चौधरी और आप की तरफ से सुशील गुप्ता समेत बाकी नेता भी शामिल हुए. हालांकि, मीटिंग से बड़े नेता नदारद रहे.
मीटिंग के बाद माजिद मेमन ने कहा कि कुछ मीडिया में ऐसा कहा जा रहा है कि ये मीटिंग बीजेपी के खिलाफ मोर्चा तैयार करने के लिए बुलाई गई है, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि "ऐसा चल रहा है कि ये मीटिंग शरद पवार ने बुलाई थी. ऐसा नहीं है. ये मीटिंग राष्ट्र मंच के प्रमुख यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी. हम सभी राष्ट्र मंच के फाउंडिंग मेंबर हैं."
सपा नेता घनश्याम तिवारी ने बताया कि "हमने यशवंत सिन्हा को एक टीम बनाने के लिए अथॉराइज किया है. इस टीम का काम देश में चल रहे मुद्दों को लेकर सुझाव देना होगा.
Source : News Nation Bureau