राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने जहां प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों पर दुख व्यक्त किया है, वहीं इस घटना का जिम्मेदार प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन को बताया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में लखनऊ, उन्नाव, कानपुर तथा अन्य जनपदों में अवैध शराब से हुई मौतों से कोई सबक लेकर कार्रवाई की होती तो आज सहारनपुर और कुशीनगर में इस घटना की पुनरावृत्ति न होती है. उन्होंने जहरीली शराब से मरे लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये तथा बीमारों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.
दुबे ने इस घटना का जिम्मेदार प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन को बताते हुए कहा कि अब तक 60 से अधिक लोग मौत का शिकार हो चुके हैं और सैकड़ों लोग विभिन्न अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं. यह घटना उप्र सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है क्योंकि जहरीली शराब का सेवन प्रदेश में लगातार जारी है और प्रदेश में लगातार जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं और सरकार लकीर पीटने के अलावा कोई ऐसी कार्यवाही नहीं कर सकी है जो नजीर बन सके और अवैध शराब के कारोबारियों पर नकेल कस सकती.
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उन्होंने कहा कि सहारनपुर और कुशीनगर हादसे तथा उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई इन घटनाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में बड़े पैमाने पर शराब का बड़ा कारोबार हो रहा है. इस अवैध कारोबार में स्थानीय पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग संयुक्त रूप से मिले हुए हैं, क्योंकि इस तरह की घटनाओं में पुलिस प्रशासन और आबकारी विभागों द्वारा अब तक की गई कार्रवाई में केवल मजदूरों को ही दोषी माना गया और शराब माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने शराब माफियाओं के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जानी चाहिए.
Source : IANS