UP के शामली में किसानों का महापंचायत, राष्ट्रीय लोक दल नेता जयंत चौधरी ने किया संबोधित

किसान आंदोलन देश में लगातार जोर पकड़ रहा है. किसानों के साथ-साथ जातीय पंचायत एवं खाप के किसान भी सरकार के खिलाफ हो जाने से समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. हरियाणा की खाप पंचायतें के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी केंद्र सरकार के खिलाफ खाप एकजुट हो रह

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Avinash Prabhakar
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जयंत चौधरी( Photo Credit : ANI)

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किसान आंदोलन देश में लगातार जोर पकड़ रहा है. किसानों के साथ-साथ जातीय पंचायत एवं खाप के किसान भी सरकार के खिलाफ हो जाने से समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. हरियाणा की खाप पंचायतें के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी केंद्र सरकार के खिलाफ खाप एकजुट हो रहा है. मुजफ्फरनगर, मथुरा और बागपत की खाप पंचायत में किसानों की भीड़ उमड़ रही है. आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली में किसान महापंचाता का आयोजन किया गया. इस महापंचायत को राष्ट्रीय लोक दल नेता जयंत चौधरी ने भी संबोधित किया.

बता दें कि प्रशासन ने किसानों को महापंचायत करने की अनुमति देने से मना कर दिया था. प्रशासन के इनकार के बावजूद बड़ी संख्या में किसान महापंचायत के लिए शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शामली में इकट्ठा हुए थे. गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को महापंचायत करने की अनुमति देने से मना कर दिया था. शामली के किसान महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में किसान इकठ्ठा हुए थे. महापंचायत को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों का हवाला दिया था. शामली जिला प्रशासन ने कोविड-19 के चलते अप्रैल तक बड़े समारोह पर लगी रोक और किसानों द्वारा 'अनुशासनहीन व्यवहार की संभावना' का हवाला दिया. हालांकि, भारतीय किसान यूनियन (BKU) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) समेत आयोजकों ने कहा कि वे पीछ नहीं हट सकते.

इस मौके पर  राष्ट्रीय लोक दल नेता जयंत चौधरी ने कहा कि ये कीलें बीजेपी के राजनीति के ताबूत के कीलें साबित होगी। जयंत  चौधरी ने कहा कि  भाजपा के  विधायक और संसद अगर अनौपचारिक बात करें तो पता चलता है कि वो भी इस कृषि कानून से खुश नहीं हैं. आंदोलनकारी किसानों ने आश्वासन दिया है कि दिल्ली में प्रस्तावित 'चक्का जाम' नहीं किया जाएगा. इस बीच एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने कड़ी सुरक्षा की है. सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की व्यवस्था है, जहां प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल नवंबर से बैठे हैं. दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने कहा, "हालांकि हमें पता चला है कि किसानों की राजधानी में चक्का जाम करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन 26 जनवरी को समझौते को विफल करने के मद्देनजर, हम कोई चांस नहीं लेना चाह रहे हैं. विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में विस्तृत व्यवस्था की है. वहीं रणनीतिक स्थानों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और दिल्ली पुलिस सीमावर्ती राज्यों और सिंघु, टीकरी और गाजीपुर जैसी सीमाओं के करीब विरोध स्थलों पर नजर रखेगी. 

Source : News Nation Bureau

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