केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने चीनी फंडिंग को लेकर कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चीन को भारत की जमीन का बड़ा हिस्सा दे दिया है. कांग्रेस ने चीन के सामने घुटने टेक दिए थे. चीन ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 90 लाख रुपये दिए हैं. कांग्रेस जवाब दे कि उनका चीन से इतना प्रेम क्यों बढ़ा गया है?.
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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन ने पैसे दिए. कांग्रेस ये बताए कि ये प्रेम कैसे बढ़ गया. इनके कार्यकाल में चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया था. एक कानून है जिसके तहत कोई भी पार्टी बिना सरकार की अनुमति के विदेश से पैसा नहीं ले सकती है तो क्या सरकार से मंजूरी ली गई थी ये बताए कांग्रेस पार्टी.
गलवान घाटी में झड़प वाली जगह से पीछे हट रही चीनी सेना
वहीं, लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan valley) में भारत-चीन (India-China) के बीच तनाव कम होता नजर आ रहा है. चीनी सेना गलवान घाटी से पीछे हट रही. हालांकि, चीन की सेना गलवान घाटी से बहुत धीरे-धीरे पीछे हट रही है. दोनों ओर से सैनिकों की संख्या में कमी आई है. हालांकि, गलवान घाटी से चीनी सेना के पीछे हटने में लंबा वक्त लगेगा. सूत्रों के अनुसार, चीन की सेना और वाहन गलवान घाटी पर झड़प वाली जगह से एक किलोमीटर पीछे हट गई है.
गलवान घाटी में झड़प के बाद यह पहली बार हुआ है, जब चीनी सेना पीछे हट रही है. भारत-चीन के बीच बातचीत के बाद गलवान घाटी के पास चीन की सेना और वाहनों की कमी देखने को मिली है. इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर और राजनयिक स्तर पर कई बैठकें हुई थीं. इस दौरान सीमा पर तनाव कम करने को दोनों देश राजी हुई थे.
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बता दें कि पिछले दिनों 15 जून की रात को गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में इंडियन आर्मी के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे. सूत्रों का कहना है कि इस हिंसक झड़प में चीन के भी करीब 40 जवान मारे गए थे. हालांकि, चीन ने अपने जवानों के मारे जाने का कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की.
गलवान घाटी में झड़प के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे. इस दौरान सोनिया गांधी ने मोदी सरकार से सवाल किया था, जिसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कोई हमारी सीमा में न घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. हमारी सेनाएं और सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं.