केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने गुरुवार को कहा कि जब देश को एक स्वर में बोलने की जरूरत है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जिलाधिकारियों की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata banerjee) का कृत्य बेहद खेदजनक और निंदनीय है. पता चला है कि सीएम ममता बनर्जी ने बैठक में उत्तर 24 परगना के जिलाधिकारी को बोलने नहीं दिया. भाजपा ने दावा किया कि ममता बनर्जी ने कहा कि वह बोलेंगी, लेकिन ममता ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में उनका अपमान किया गया. किसी अन्य मुख्यमंत्री ने बैठक में बात नहीं की, केवल जिलाधिकारियों को कोविड महामारी को रोकने के लिए उनके द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए कहा गया.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने बैठक को पटरी से उतारने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि बैठक में आना और उसे पटरी से उतरना बहुत अनुचित है. बैठक में पश्चिम बंगाल राज्य के लिए कुछ अच्छा हो सकता था. बनर्जी ममता का आज का व्यवहार बेहद खेदजनक और निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि बैठक पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों के जिलाधिकारियों द्वारा अपनाए गए सर्वोत्तम उपायों को जानने के लिए बुलाई गई थी, लेकिन उन्होंने बैठक में बाधा डाली. उन्होंने उत्तर 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को बोलने की अनुमति नहीं दी. वह अपने दावों के बारे में पूरी तरह से गलत हैं कि केवल भाजपा शासित राज्यों के डीएम को बुलाया गया, क्योंकि महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के डीएम भी थे.
रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि क्या नुकसान है, अगर प्रधानमंत्री डीएम द्वारा अपनाए गए सर्वोत्तम उपायों को जानना चाहते हैं और जिन्हें देश में कहीं और दोहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई बैठक में किसी बड़े राज्य के मुख्यमंत्री से उनका व्यवहार शर्मनाक, निंदनीय और कम से कम अपेक्षित है.
ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ममता जी से इससे बेहतर और कुछ की उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि वह प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में कम ही शामिल होती हैं.
Source : News Nation Bureau