Advertisment

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, निचली अदालतों में खाली पड़े हैं 5000 से अधिक पद

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन अदालतों में खाली पड़े पदों को एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ भरने पर जोर दे रही है।

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, निचली अदालतों में खाली पड़े हैं 5000 से अधिक पद

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो)

Advertisment

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि देश की निचली अदालतों में 5,000 से अधिक पद खाली है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन अदालतों में खाली पड़े पदों को एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ भरने पर जोर दे रही है ताकि वे उच्च अदालतों में भी पदों पर जा सकें।

लोक सभा में प्रश्न काल के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'निचली अदालतों में अभी 5,000 से ज्यादा पद खाली हैं। लेकिन सरकार कुछ नहीं कर सकती है। लेकिन हम जोर दे रहे हैं कि जब पदों को भरा जाय तो इसमें एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का उचित प्रतिनिधित्व हो।'

कानून मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार चाहती है कि कमजोर वर्गों से आए जज पहले निचली अदालतों में अनुभव लें और फिर उच्च अदालतों में पदों के लिए सक्षम हो सकें।

रविशंकर प्रसाद ने कई हाई कोर्ट की कमेटी द्वारा दाखिल रिपोर्ट के आधार पर कहा कि यह सुलझाया गया है कि सभी हाई कोर्ट पांच साल से ज्यादा लंबित मामलों को प्रमुखता देंगे और जिला अदालतों में पांच साल से ज्यादा पड़े लंबित मामलों को प्रमुखता दिया जाना चाहिए।

1984 सिक्ख विरोधी दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे एक जज के ट्रांसफर पर सवाल का जवाब देते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा लिए गए निर्णय में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।

हालांकि रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि सभी सिक्ख दंगा मामलों की जल्द निबटारा हो ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में 1,400 पुराने और बेकार पड़े कानूनों को खत्म कर दिया और इस फैसले से राज्य सरकारों ने भी सहमति जताई।

और पढ़ें: 2019 में BJP को हराने की 'रणनीति' के तहत ममता सोनिया से करेंगी मुलाकात

Source : News Nation Bureau

Lok Sabha Ravi Shankar Prasad law minister Judiciary lower courts
Advertisment
Advertisment