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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, कोरोना ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को किया प्रभावित

कोविड-19 महामारी ने उभरते और विकासशील देशों में सबसे ज्यादा गरीब और वंचित तबकों को प्रभावित किया है.

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Pradeep Singh
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RBI GOVERNER

शक्तिकांत दास, आरबीआई गवर्नर( Photo Credit : News Nation)

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि महामारी के बाद सतत आर्थिक वृद्धि के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश तथा श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है. AIMA राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने सतत वृद्धि और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये स्वास्थ्य शिक्षा, डिजिटल क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं में निवेश बढ़ाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने उभरते और विकासशील देशों में सबसे ज्यादा गरीब और वंचित तबकों को प्रभावित किया है.

दास ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास महामारी के बाद रहने योग्य और टिकाऊ वृद्धि सुनिश्चित करने का होना चाहिए. आने वाले समय में निजी खपत को टिकाऊ रूप से पटरी पर लाना महत्वपूर्ण होगा. यह ऐतिहासिक रूप से समग्र मांग का मुख्य आधार रहा है.’’आरबीआई गवर्नर के अनुसार इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सतत वृद्धि मध्यम अवधि के निवेश, मजबूत वित्तीय प्रणाली और संरचनात्मक सुधारों के साथ आगे बढ़नी चाहिए.

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कोरोना महामारी के कारण विश्व के अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था तबाह हो गयी. कोरोना संक्रमण के कारण भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन रहा और उत्पादन निम्न स्तर पर पहुंच गया. कोरोना केसों की कमी और टीकाकरण के कारण के बाद फिर स्थितियां सामान्य हो रही है. आरबीआई  के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना के अर्थव्यवस्था पर पड़े भीषण प्रभाव को बताया है. आरबीआई  के गवर्नर ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं में सुधार देशों और क्षेत्रों में असमान रहा है. टीकाकरण की उच्च गति और बड़े नीतिगत समर्थन के कारण उन्नत अर्थव्यवस्थाएं तेजी से सामान्य हुई हैं. टीकों की धीमी पहुंच और नीतिगत समर्थन पर बाध्यकारी बाधाओं के कारण उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं पिछड़ रही हैं.  

48 वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन (AIMA) में  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यदि बहुपक्षवाद सभी देशों में रिक्तियों तक समान रूप से पहुंच सुनिश्चित करने में विफल रहता है तो वह अपनी विश्वसनीयता खो देगा. अगर हम गरीबों के स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को सुरक्षित कर सकते हैं तो हम समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ी छलांग लगा सकते हैं.

आरबीआई  गवर्नर ने कहा कि, वैश्विक महामारी के बाद दुनिया भार में भारत के कई गतिशील क्षेत्रों में  संभावनाओं को रेखांकित किया गया है. इन क्षेत्रों में आईटी सेवाएं और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं, डिजिटल गति और ई-कॉमर्स, फार्मास्युटिकल शामिल हैं. हाल की अवधि मेंभारत मोबाइल फोन का निर्यातक बन गया है.

HIGHLIGHTS

  • महामारी के बाद सतत आर्थिक वृद्धि के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सुधार की जरूरत
  • 48 वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन (AIMA) में  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास हुए शामिल
  • कोविड-19 महामारी ने उभरते और विकासशील देशों में सबसे ज्यादा गरीब और वंचित तबकों को प्रभावित किया
covid-19 RBI Governor Shaktikanta Das Flexible Economy
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