आम बजट में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जाने पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाये जाने का इन्फ्लेशन को ट्रांसमिशन होने में समय लगता है. हालांकि बहुत कम असर पड़ेगा. लेकिन इसकी समीक्षा अगस्त के मौद्रिक नीति में की जाएगी. इसकी समीक्षा के लिए शीर्ष एनबीएफसी (NBFC) की समीक्षा की जा रही है. बड़े एनबीएफसी के आपरेशन का लगातार नजदीकी से नज़र रखी जा रही है. रेट कट ट्रांसमिशन का बेनिफिट 6 महीने से घटकर 3 महीना हो गया है.
फिस्कल डेफिसिट को मेन्टेन किये जाने से आरबीआई हमेशा खुश है.3.3 फीसदी घटाकर किया गया है यह माइक्रो इकोनोमी के लिए बहुत बेहतर है. सिस्टम में लिक्विडिटी पर्याप्त है.आरबीआई उन बैंकों के पीछे खड़ा है जिनके पास कैपिटल की कमी है. 70 हज़ार करोड़ रुपये बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए बजटीय व्यवस्था करना एक स्वागत योग्य कदम है. आरबीआई को जो अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है उसे पूरी क्षमता से किया जायेगा. 1,2,5,10,20 रुपये का सिक्का का मुद्रण का काम वित्त मंत्रालय करवाता है. उसके बाद हम बाजार में मांग को देखते हुए जारी करते है.
RBI Governor Shaktikanta Das to ANI on impact of prices of petrol and diesel on inflation: There is a meeting of Monetary Policy Committee in 1st week of August. Our internal team will assess it. It's not as if it will get reflected in inflation the next day. There is a time lag. pic.twitter.com/5MkF7n1vqt
— ANI (@ANI) July 8, 2019
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वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बताया कि हाउसिंग फाइनेंस को आरबीआई (RBI) के तहत लाने के मुद्दे पर चर्चा हुई है. मैं मानती हूं कि आरबीआई एक सक्षम रेगुलेटर है.साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि Higher टैक्स सरचार्ज पर फिलहाल सफाई देने की जरूरत नहीं.
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HIGHLIGHTS
- आम बजट के बाद बढ़े डीजल-पट्रोल के दाम
- RBI गवर्नर ने महंगाई पर दिया बड़ा बयान
- अगस्त के पहले महीने में होगी समीक्षा